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स तया मालया वीर: IV. 17.6a
स तस्य वीरः सुमुखान्पतत्रिगः V. 47.14a: , ,, शुशुभे श्रीमान IV. 12.4ta ,, ,, वेगं च कर्महात्मनः V. 47.9a ,, ,, सह धर्मात्मा VII. 30 28a ,,, शीण्य सिना शितेन VI. 70.46a ,, ,, , संयुक्तः VII. 5.40
,, ,, सनगं सनागम् VI. 74.63a तया सीतया सार्धम् VII. 42.23c ,, ,, स्वरमाज्ञाय III. 57.3a ,, तला मिहतस्तेन VI. 59.55e
,, तस्या महिमां दृष्ट्वा I. 37.13c , , 70.42a
,, ,, वचनं श्रुत्वा IV. 33.42a , तवादर्शनादार्ये V. 35.43a
, , विकृते वक्त्रे V. I.183c ,, तस्मात्पादपादीमान् V. 37.36a ,, तस्यां जनयामास VII. 4.I/a ,, तस्मिन्गोमये हदे I. 69.9b
: , , , , 5.35a ,, तस्मिन्नचले तिष्ठन् V. 28a
,, ,, वीर्यसंपन्नाम् VII. 3.5c ,, तस्य कुलमव्यग्रम् III. I4.4c
, तस्याः परिपृच्छन्त्या VI. 32.26a ,, गतमविच्छन् VI 45.1a
, , पुलिने रम्ये VII. 31.25c ,, ,, गन्धमाघ्राय VI. 91.25a स तं केलामशृङ्गाभम् II. 3.31c गिरिवर्यस्य V. 1.7a
,, गृहित्वानिरतुल्यवेगम् VI. 59.302 ,, चापनि!षात् VI. 67.14Ta ,, गृह्य महाबाहुः V. 53.3.9c है, तानष्ट वरान्महायान V. 47.333 ,, जघान धावन्तम् VI. 126.24c ,, तु महानादम् VII. 22.1a ,, ,, दृध्वा कृतं सौम्यम् III. 15.26a ,, ददृशे मार्गः VI. 606ga
,,,, ,, पतन्तं तु VI. 79.38a ., दृष्टयर्षणसंप्रचोदित: V. 47.2a . ,, ,, ,, परिम्लानम् VII. 20.32a ,, पततः खड्डम् VI. 70.43a
,, महाकायम् VI. 7I.IIa ,, परिमाणान्ते VII. I5.1gc
देशमनुप्राप्तः V. 57.16c ,, पिङ्गाधिपमन्त्रिनिर्जित: V.47.32b ... ,, ,, देशमनुप्राप्य IV. 38.15c
,, वाहुर्गि रङ्गकाप: VI. 67.1553.! , ,, द्विपमथा रह्य VI. 96.15a , , मधुपर्क गाम् VIH. 33.9a
....निक्षिप्य वानरम् VI.90.7b ,, मध्ये भवनस्य संस्थितः V. 8.1a ,, ,, निपतितं भूमौ V. 38 33a , ,, . , , , I2.a ,, ,, परमदुर्घर्षम् VI. 58.30a ,, रथनिर्घोषम् V.43 20a
,,, परिघमादाय V. 42.40a ,, वचनं श्रुत्वा V. 52.:a
,, ,, परित्यज्य महारथो रथम् V. 47.33a ,, वाक्यं प्रतिपूर्णघोरम् VI. 59.93a ,, ,, पितृसखं मन्या III. 144a ,,, , मधुरं निशम्य I. I.4.60a ..,,, पुरुषशार्दूम VII. I0.7c , ,, , , महात्मन: IV. 18.65a ,, ,, प्रतिभयं श्रुत्वा VI. 92.4c , ,, वाक्यः करणेमहात्मा VI. 109.249 ,, ,, पति विगायाशु VII. 28.44a , तस्य बाजी निपपात भूमौ VI. 60.90c ,, ,, प्रदक्षिणं कृत्वा I. 41.8a . . ,, ,, वीरस्य महारथस्य V. 48.27a ,,, प्रदीप्तं चिोग V. 38.30d .
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