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इदं वचनमब्रवीत् IV 27.41d
, 40.Iod ,, 59.5d ,, 59.IId V. I.37b " I.157d ,, 22.40b ,, 24.6d
, 24.39b ,, 33.19d , 35.63b , 43.20b ,, 57.22d
VI. 13.9d
,, I9.17d
22.40d ,, 23.Id , 37.25d , 4I.Iod , 59.56d ,, 71.50d ,, 74.16d ,, 85.20d , 88.21d ,, 90.4d ,, 92.58b
, 100.27d VII. 6.23d ,, 6.28d , 34.35d , 35.14d , 44.Id
, 69.3d इदं वचनमब्रुवन् VI. 17.8d
इदं वचनमारेभे III. 17.29c
VI. 30.19c इदं वचनमर्थवत् IV. 11.86d इदं वचनमर्थवित् II. 92.20d इदं वचनमुत्तमम् VI. I7.6d इदं वचनमूचतु: VI. 19.37d इदं वचनमेकाग्रा IV. 52.1c इदं वचस्तस्य निगद्य माल्यवान् VI. 35.35a इदं वचो बन्धुहितार्थिना मया III. 39.24a इदं वाक्यमशोभनम् V. 58.39d इदं वानरयूथपान् IV. 52.19b इदं वा व्यसनं महत् II. 59.20b इदं विध्वंसयिष्यामि V. 4I.IIa इदं विमानं वैदेहि VI. 48.25a इदं व्यसनमालोक्य II. 53.9a इदं शरीर कृत्स्नस्य II. 2.7a इदं शरीरं निःसंज्ञम् III. 56.21a इदं शरीरमालिङ्गय II. 66.12c इदं श्रेष्ठममिज्ञानम् V. 38.12a. इदं स मुनिपुंगवः I. 2.17d इदं सरः समासाद्य VII. 78.9c इदं सर्वा महद्वचः VI. 94.32d इदं स्नेहपुरस्कृतम् VI. I22.3d इदं स्वादु हविष्यं च VII. 65.25c इदं हि चरितं लोके II. 60.21c इदं हि तव विस्तीर्णम् II. 75.16a इदं हि तेजस्तव यदुरत्ययम् II. 32.4ra इदं हि परुषं वाक्यम् VI. 16.1ge इदं हि भूयः शृणु वाक्यमुत्तमम् III. 37.25c इदं हि मायाविहितं सुदुर्गमम् IV. 53.26a इदं हि रक्षो मृगसंनिकाशम् III. 57.22a इदं हि वृत्तमुचितम् II. 40.7a इदं हृष्टबदङ्गदम् V. 64.5d | इदमत्यद्भुतं श्रुत्वा III. II.9a | इदमत्याहितं चान्यत् II. 67.IIC
,
VII. 6.24d
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