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(समर्पण)
प. पू. वात्सल्य रत्नाकर आचार्य श्री १०८ विमलसागर जी महाराज के
पट्ट शिष्य मर्यादा-शिष्योत्तम ज्ञान-दिवाकर प्रशान्त- मूर्ति वाणीभूषण
भुवनभास्कर गुरुदेव आचार्य श्री १०८ भरतसागर जी महाराज
__ की स्वर्ण जयन्ती के उपलक्ष में आपके श्री कर-कमलों में ग्रन्थराज
सादर-समर्पित
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