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________________ मंगलवइ ७५।१ ७५९ ५।२४।८ १।१४।७ ६१८५ ६।४।२-३ ६।४।३ ७।३।१४ ६।५।४ १।९।४ १।५।४ ७१३ ७१।२ १।३।३ २८२ अमरसेणचरिउ माहेंद माहेन्द्र स्वर्ग। मिठवइ मुनि मृदुमति । मुदिदोदय एक विद्याधर राजा। सुमेरु पर्वत । जम्बूद्वीप के भरतक्षेत्र की एक नगरी। मंगलावती जम्बूद्वीप के पूर्व विदेह क्षेत्र का एक देश। रत्नसंचयपुर मंगलावती देश का एक नगर । रमण विनोद का छोटा भाई। रयणसेहलु वज्रसेन का पुत्र-रत्नशेखर । राइगिह राजगृह नगर। रामहु दशरथ-पुत्र राम। रामु रावण दशानन । रुहियासु रोहतक नगर । वइरसेणु राजा सूरसेन का दूसरा पुत्र, अमरसेन का अनूज। वज्जसेण रत्नसंचयपुर का राजा-वज्रसेन । वरदत्त सुसोमा नगरी का राजा। वसुमित्त धनमित्र । वाणारसि बनारस नगर। विजयादेवि राजा सूरसेन की रानी। विणयादेवी राजा जयवर्मा की रानी। विणोह रमण का भाई। विपुलिंद विपुलाचल पर्वत। विस्सकित्ति विश्वकीत्ति। विस्सतासु गजपुर नगर के राजा का मन्त्रीविश्रतास। विभीषण । वेयदृणि नगर। वंधुमइ श्रुतकीर्ति की पत्नी। सणिकुमार सग्ग सनत्कुमार स्वर्ग । सिवघोस २।३।६ ६।४।२-३ ५।२१।११ ७।८।२ ३।११।२ २।२।१० ६।५।१० ७।३।१४ १।९।१० १।२०।१४ विहीसण ७।३।६ ७।१।२ ५।२४।८ ६८७ २।२।१ ५।२१।१४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002769
Book TitleAmarsenchariu
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManikkraj Pandit, Kasturchandra Jain
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year1991
Total Pages300
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Story, & Literature
File Size12 MB
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