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॥ दिनशुधिः॥ बस, रिक्ता (५-ए-१४ ), आठम, बारश, अमावास्या, क्षय तिथि, वृद्धि तिथि, क्रूर तिथि अने दग्ध तिथि, बाटली तिथि शुक्ल कार्यमा वर्जवा योग्य वे. ए.
मेसा चउसु चउरो तिही कमेणं च पुन्न सवेसु ।
एवं परउ सकूररासि असुहा तिही वजा ॥ १० ॥ मेषादिक चार संक्रांतिमां को क्रूर ग्रह होय तो अनुक्रमे पहेली चार तिथि पूर्णा तिथि सहित वर्ण्य . ए रीते श्रागळ पण जाणवू, एटले के मेष संक्रांतिमां क्रूर ग्रह होयतो एकम अने पांचम वर्जवा योग्य , वृप संक्रांतिमां क्रूर ग्रह होय तो बीज अने पांचम, मिथुन संक्रांतिमां क्रूर ग्रह होय तो त्रीज अने पांचम तथा कर्क संक्रांतिमां क्रूर ग्रह होय तो चोथ अने पांचम वर्जवा योग्य बे. एज रीते सिंह, कन्या, तुला अने वृश्चिक संक्रांतिमां क्रूर ग्रह होय तो अनुक्रमे उ, सातम, आठम अने नोम ए तिथि पूर्ण तिथि दशम सहित वर्ण्य . एज प्रमाणे धन, मकर, कुंन अने मीन संक्रांतिमां पण क्रूर ग्रह होय तो अनुक्रमे अगीयारश, बारश, तेरश अने चौदश ए तिथि पूर्णिमा सहित वर्जवा योग्य वे. एवी रीते क्रूर ग्रहो सहित राशिऊनी अशुल तिथि शुज कार्यमां वय॑ बे. १०.।
सूर्यदग्धा तिथि.बग चल अहमि बही दसमहमि बार दस मि बीया उ ।
बारसि चउत्थि बीया मेसासु सूरददिणा ॥११॥ मेष राशिनी संक्रांतिमा बस दग्धा तिथि, वृष संक्रांतिमां चोथ, मिथुनमां श्रावम, कर्कमां , सिंह संक्रांतिमां दशम, कन्या संक्रांतिमां पाउम, तुला संक्रांतिमां बारश, वृश्चिक संक्रांतिमां दशम, धन संक्रांतिमां बीज, मकर संक्रांतिमां बारश, कुंन संक्रांतिमां चोथ अने मीन संक्रांतिमां बीज ए सूर्यदग्धा तिथि कहेवाय बे. ११.
।यंत्रम् । धन मीन संक्रांतिमां ३, वृष कुंल संक्रांतिमां । मेष कर्क संक्रांतिमा ६, कन्या मिथुन संक्रांतिमा त वृश्चिक सिंह संक्रांतिमा १०, मकर तुला संक्रांतिमा १५
॥इति तिथिघारम् ॥
__ हवे करणार कहे जे.सनणि चप्पय नागा किंत्थुग्या किण्ह चउद्दसि निसा। थिरकरण तीस घमिआ पर चलकरण एयाई॥१२॥
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