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पू ष ण ठ
पे पो
कन्या :
टो पा पी ------- उ. फाल्गुनी
हस्त
चित्रा
रू रे रो ता
ती तू ते
तुला:
रारी -------
चित्रा
स्वाति
विशाखा
तो
न नी नू ने
नी य री यू
ज्येष्ठा
वृश्चिक:------------
विशाखा
पे पो भ भी धनुः -------
अनुराधा भू ध फ ढ
भ
पूर्वाषाढ़ा
उत्तराषाढ़ा
भो ज जी
खि खू खे खी
ग गी
मकर:
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उत्तराषाढ़ा
श्रवण
धनिष्ठा
गू गे
गो सा सी सू
से सो दा
धनिष्ठा
शतभिषा
पूर्वाभाद्रपद
दी
दूध झत्र
दे दो चा ची
.
पूर्वाभाद्रपद
उत्तराभाद्रपद
रेवती
'गंड' से क्या तात्पर्य है ? ___ उपरोक्त तालिका के अध्ययन से एक और तथ्य स्पष्ट होता है
और वह यह कि इन बारह राशियों में तीन स्थल ऐसे हैं, जहाँ राशि एवं नक्षत्र, दोनों की ही समाप्ति होती है। जैसे कर्क राशि, जिसकी समाप्ति के साथ उसके अंतर्गत आने वाले आश्लेषा नक्षत्र के भी चारों चरण समाप्त होते हैं।
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