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________________ आवश्यक सूचना पाठकों के सुझाव हमारे लिए बहुत महत्त्वपूर्ण हैं । हम चाहेंगे कि आप हमें लिखें कि इस पुस्तक को पढ़ने पर आपको कैसा लगा ? यदि आप चाहते हैं कि हमारे प्रकाशनों की सूचना नियमित रूप से आपके पास पहुँचती रहे तो हमें एक कार्ड पर अपना पता लिख भेजिए। आज देश में ढोंगी व्यक्तियों का जाल फैला हुआ दिखाई देता है। आज सामान्य से चमत्कार दिखाकर ढोंगी व्यक्ति लोगों को लूट रहे हैं, ठग रहे हैं। आज प्रबुद्ध व्यक्ति तंत्र-मंत्र-ज्योतिष को हेय दृष्टि से देखता है। हम इन विद्याओं के सही और कल्याणकारी रूप से परिचित कराने के लिए कृत-संकल्प हैं। सौभाग्य से हमारे संस्थान को प्रामाणिक तंत्रविदों, ज्योतिषविदों, अंक-शास्त्रियों, हस्तरेखा शास्त्रियों, रत्न शास्त्रियों, वास्तु शास्त्रियों का आशीर्वाद है। यदि आपकी किसी भी प्रकार की कोई भी समस्या है तो आप हमें लिखें। आपकी जन्मपत्री हो तो उसे भी भिजवायें। पाँच सौ एक रुपये का ड्राफ्ट 'MEGH PRAKASHAN, DELHI-110006' के नाम रजिस्टर्ड पोस्ट से भिजवायें। आपका ड्राफ्ट मिलने के एक माह में आपको हमारा परामर्श प्राप्त हो जायेगा। उसके पूर्व पत्र-व्यवहार न करें। ___ यदि आप लेखक हैं। अपने विषय में पारंगत हैं और पाठकों के लिए सर्वथा उपयोगी पुस्तकें लिखने में सक्षम हैं तथा आपके पास पांडुलिपि तैयार हैं तो विवरण भेजें। साथ में लेखन से संबंधित सभी जानकारियों सहित अपना परिचय भी। मेघ प्रकाशन 239, दरीबाकलां, दिल्ली-110006 दूरभाष-23278761, 22913794 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002762
Book TitleJyotish Kaumudi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDurga Prasad Shukla
PublisherMegh Prakashan Delhi
Publication Year2004
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Jyotish
File Size9 MB
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