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राजधानी के प्रथम द्वारकी ओर...
• पहचानिये... मित्र-युगलको • अलख निरंजन... • जा साले, अबसे तेरा मुँह मत दीखाना...
ले... लेती जा ये धनलाभ... • श्रेणिक के मृत्यु स्थल मित्र-बेलडी...
मगध का मालिक दौडा... पुणियाकी कुटीयाँ पर... • राजधानी में १२६० मनुष्य के शब गिर पडे. • श्रेणिक के सम्यक्त्व स्थल.. मित्र-युगल
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