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संजू ! नंदमणियारकी पतन-उत्थानकी कहानी सुनाती हुई यह वाव आज भी वैसी की वैसी सुरक्षित है।
सत्संगके प्रभावसे-श्रावक धर्म मीलना...
सत्संग छूट जानेके कारण - उल्टेमार्गचले जाना...धर्मसे छूट जाना...किन्तु की हुई आराधना निष्फल नजाना... राजधानीके पाहर प्रभुजी का गुणशील उद्यानमें समवसरना (पधारना)...., मेंढकका वंदनार्थजाना....... इसका मृत्यु और आखिर देव बनना... यह सब.........
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