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________________ चैत्यवन्दनमहामाय गायारम्भः भागारेहि ममग्गो ... आगासस्स पएसा ... आणाणुपालणाओ मायरसूयणहेजें आरोग्गवोहिलाभ मालंबणनिरवेक्खा ... आलावयरूवाई ... आलोयचलं चक्खं .. १३५ .. ११६ गावारम्भः श्रवणामितिमंगो ... अवसउणकप्पणाए ... भविहिमरणं मकाने अम्बाबाहं भणियं असहस्स अपरिसुद्धा .. असुइमलपूरियंगा ... असुहनिवारणसती ... असोगरुक्सो सुरपु- ... अह कोह सबुद्धीए ... अह छहसंपयाए... ... अह तं न करेसि तुमं ... मह ते न पसीयंति हु ... अह थुइवाओ एसो मह पुत्वं चिय केणइ ... अह भणति सुत्तवुत्तं ... अहव चिइवंदणाओ ... अहव सिवादेवीए ... अहवा अरिणो सत्तू ... अहवा चउदिसिधारं ... अहवा जत्थ वि तत्व वि अहवा भारहवासे ... अहवा वि न-मा-सद्दा ... अहवा वि नमो अव्वयअहवा वि भावभेया ... अहवा संसयतामस- ... अह सत्तमबिरईए अहिए भावुलासे... अहिओ धम्मुच्छाहो ... अहिगारिणाउ काले ... अहिगारीणमिमेसि माइगरा ते भणिया ... आइच्चा दिवसयरा ... आगंतुगा य दुविहा ... .. ८२ १८ आसायणा अवन्ना आसो व्य विसमपायं आह करेमि भणित्ता माह किमेवइय चिय आह क्रिमेसा तुन्भे आह अह पुबपुरिसा ... आह परो जिणवंदणआह फुडं नहि मुणिमो... आह भुवणेकपहुणो .... ... आहरणं पुण एत्थं | इच्चाइसुतविहिणा हड्डीपत्तो सड्डो ... ... इत्यीपुरिसनपुंसक- ... इंतेहिं जंतेहि य ... ... इंदियविसयकसायाइय जत्य जिणो विहरह... इय दहतियपरिसुद्ध इय दोसविप्पमुको इय पाडिहेररिद्धी ... इय पूय चिय एगा ... इय बहुविहनिंबाइं ... इय भावधम्मतित्य- ... इय वट्टमाणतित्था- ... ८१ इय सव्वचेहयाण वि ... .. १३२ १९ ... ... ८३ ... . ... ..१३७ ११५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002734
Book TitleChaiyavandana Mahabhasam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherJinshasan Aradhana Trust
Publication Year1986
Total Pages192
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size7 MB
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