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________________ प्राकृत एवं जैनविद्या : शोध-सन्दर्भ 91 1. हिन्दी विभाग, एस० एफ० एस० कॉलेज, नागपुर (महाराष्ट्र) 2.C/o डा० भागचन्द भास्कर, न्यू एक्सटेंशन एरिया, सदर नागपुर-440001 प्रकाशक : सन्मति विद्यापीठ, न्यू एक्सटेंशन एरिया, सदर, नागपुर-440001 प्रथम : 1984/100.00/16 + 320 अ०- (1) काल विभाजन एवं सांस्कृतिक पृष्ठभूमि (2) आदिकालीन हिन्दी जैन काव्य प्रवृत्तियां (3) मध्यकालीन हिन्दी जैन काव्य प्रवृत्तियाँ (4) रहस्य भावना : एक विश्लेषण (5) रहस्य भावना के बाधक तत्त्व (6) रहस्य भावना के साधक तत्त्व (7) रहस्य भावनात्मक प्रवृत्तियाँ (8) रहस्य भावनात्मक प्रवृत्तियों का तुलनात्मक अध्ययन। 401. जैन, फूलचन्द हिन्दी में जैन कथा साहित्य आगरा, ....., अप्रकाशित 402. जैन, बी० रमेश मध्यकालीन हिन्दी साहित्य पर जैन दर्शन का प्रभाव बेंगलोर, 2001, अप्रकाशित नि०-डा० आभा सिंघवी C/o श्री फतेहचन्द कटारिया, मंत्री जैन शिक्षा समिति, 20 प्रिमरोज रोड़, बेंगलोर-1 403. जैन, भागचन्द 'भास्कर' (डा०) (डी. लिट्०) मूकमाटी : चेतना के स्वर नागपुर, 1998, प्रकाशित (आलोक प्रकाशन, नागपुर, 1995) 403A.जैन, मीना मूकमाटी का शैलीपरक अनुशीलन भोपाल, 2004, अप्रकाशित नि०- डा० मधुबाला गुप्ता, एस० एन० गर्ल्स कालेज, भोपाल मैन रोड, ओबेदुल्लागंज, जिला- रायसेन (म०प्र०) 403B. जैन, रश्मि आचार्य श्री विद्यासागर जी के साहित्य में उदात्त मूल्यों का अनुशीलन सागर, 2004, अप्रकाशित नि०- डा० संध्या टिकेकर, शा० कन्या महाविद्यालय, बीना (म०प्र०) 404. जैन, मुन्नी (श्रीमती) हिन्दी गद्य के विकास में जैन मनीषी पं० सदासुखदास का योगदान वाराणसी, 1996, प्रकाशित Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002731
Book TitlePrakrit evam Jainvidya Shodh Sandarbha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain
PublisherKailashchandra Jain Smruti Nyas
Publication Year2004
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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