________________
66
Bibliography of Prakrit and Jaina Research
..............
..............n
udIIIIcu.
संस्कृत विभाग, रामजस कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, मोरिस नगर, दिल्ली प्रका०- ईस्टर्न बुक लिंकर्स, जवाहर नगर, दिल्ली प्रथम : 1989/300.00/32 + 684 अ०- (1) प्रस्तावना (2) राजनैतिक शासनतन्त्र एवं राजव्यवस्था (3) युद्ध एवं सैन्य व्यवस्था (4) अर्थव्यवस्था एवं उद्योग व्यवसाय (5) आवास व्यवस्था, खानपान तथा वेशभूषा (6) धार्मिक जीवन एवं दार्शनिक मान्यतायें (7) शिक्षा, कला,
ज्ञान-विज्ञान (8) स्त्रियों की स्थिति एवं विवाह संस्था (9) भौगोलिक स्थिति। 228. Yadava, Ganga Prasad Dhanpal and its time.
.............. Published. 229. Rathva, Devsinh Bhalabhai
Nal Vilas of Ramchandra's: A Critical study Patan, 1998, Unpublished.
Sup.- Dr. D. G. Vediya. Dept. of Sans., North Gujrat University, patan 230. रमेश चन्द
नयनचन्द्र सूरि के हम्मीर महाकाव्य का आलोचनात्मक अध्ययन
नैनीताल, 1981, अप्रकाशित 231. रवीन्द्र कुमार
शीलदूत एक आलोचनात्मक अध्ययन वाराणसी, 1992, अप्रकाशित
नि०- डा० सागरमल जैन 232. राजपूत, नरेन्द्र सिंह
संस्कृत काव्य के विकास में बीसवीं शती के जैन मनीषियों का योगदान सागर, 1992, प्रकाशित नि०- डा० भागचंद जैन भागेन्दु । शा० उ० मा० विद्यालय, बहादुरपुर (गुना) म०प्र० 'बीसवीं शताब्दी के जैन मनीषियों का योगदान' नाम से प्रकाशित प्रका०- आ० ज्ञा० केन्द्र, व्यावर (राज०) प्रथम : ......./50.00/16 + 304 अ०- (1) संस्कृत साहित्य का अन्तःदर्शन, (2) बीसवीं शताब्दी में रचित जैन काव्य साहित्य : एक अन्तर्विभाजन, (3) बीसवीं शताब्दी के साधु-साध्वियों द्वारा प्रणीत प्रमुख जैन काव्यों का अनुशीलन, (4) बीसवीं शताब्दी के मनीषियों द्वारा प्रणीत प्रमुख जैन काव्यों का अनुशीलन, (5) बीसवीं शताब्दी के जैन काव्यों का साहित्यिक एवं शैलीगत अध्ययन, (6) बीसवीं शताब्दी के संस्कृत जैन काव्यों का
वैशिष्ट्य प्रदेय तथा तुलनात्मक एवं समीक्षात्मक अनुशीलन, परिशिष्ट । Jain Education International For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org