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________________ 60 Bibliography of Prakrit and Jaina Research 188. दवे, पुष्पा अमरचन्द्रसूरि कृत बालभारतम् का समीक्षात्मक अध्ययन इंदौर, 1983, अप्रकाशित 189. दबे, महेन्द्र कुमार अम्बालाल रामचन्द्र कृत रघु विलास- एक समीक्षात्मक अध्ययन पाटन, 2001, अप्रकाशित नि०- डा० डी० जी० वेडिया, संस्कृत विभाग, नार्थ गुजरात वि० वि०, पाटन (गुजरात) 190. दीक्षित, मंजुलता हरिषेण कृत वृहत्कथाकोश का समालोचनात्मक एवं समीक्षात्मक अध्ययन राजस्थान, 1985, अप्रकाशित नि०- डा० पी० डी० शर्मा निकट ओल्ड आईस फैक्ट्री, राम बाजार, बीकानेर (राजस्थान) 191. Dixit, Virendra Critical Edition of the Rishabh-Charitra Gujrat (L.D. Institute), 1981, Sup.- Dr. Nagindas J. Shah 192. दीक्षित, श्यामशंकर तेरहवीं-चौदहवीं शताब्दी के जैन संस्कृत महाकाव्य राजस्थान, 1963, प्रकाशित नि०- श्री प्रवीण चन्द जैन प्रका०- मलिक एण्ड कम्पनी, चौड़ा रास्ता, जयपुर (राजस्थान) प्रथम : 1969/40.00/404 अ०- (1) महाकाव्य का स्वरूप, (2) पूर्ववर्ती और समवर्ती महाकाव्य परम्परा, (3) तत्कालीन परिस्थितियाँ और जैन महाकाव्यों की प्रमुख प्रवृत्तियाँ, (4) प्रमुख महाकाव्य (शास्त्रीय) नरनारायणानन्द, श्रेणिक चरित्र, (5) प्रमुख महाकाव्य (ऐतिहासिक) बसन्तविलास, हम्मीर महाकाव्य, (6) प्रमुख महाकाव्य (पौराणिक) धर्मशर्माभ्युदय, सनत्कुमार चरित्र, बालभारत, जयन्तविलास, पद्मानन्द महाकाव्य, मुनिसुव्रत चरित्र, नलायनम्, शान्तिनाथ चरित्र । 193. दीक्षित, हरिनारायण तिलकमंजरी : एक समीक्षात्मक अध्ययन आगरा, ............. प्रकाशित नि०- श्री लक्ष्मीचन्द कौशिक, भूतपूर्व अध्यक्ष संस्कृत विभाग, बरेली कॉलेज बरेली (उ०प्र०) अध्यक्ष, संस्कृत विभाग, कुमायूं विश्वविद्यालय, नैनीताल (उ०प्र०) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002731
Book TitlePrakrit evam Jainvidya Shodh Sandarbha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain
PublisherKailashchandra Jain Smruti Nyas
Publication Year2004
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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