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प्राकृत एवं जैनविद्या : शोध-सन्दर्भ
141. जैन, उमा
कालिदास कृत मेघदूत तथा मेरुतुंगाचार्यकृत जैन मेघदूत का तुलनात्मक अध्ययन मेरठ, 1983, अप्रकाशित
142. जैन, कन्छेदी लाल (स्व०)
रूपककार हस्तिमल और उनका नाट्य साहित्य मगध, 1972, प्रकाशित नि०- स्व० डा० नेमिचन्द शास्त्री, आरा प्रका०- वैशाली प्रथम : 1980/39.00/17 + 306 अ०- (1) रूपककार हस्तिमल का समय, जीवन एवं कृतित्व, (2) विक्रान्त कौरव नाटक की समीक्षा, (3) अंजनापवनंजय नाटक की समीक्षा, (4) मैथिली कल्याण
नाटक की समीक्षा, (5) सुभद्रा नाटिका की समीक्षा, (6) उपसंहार।। 143. जैन, कपूर चन्द
पुरुदेवचम्पू का आलोचनात्मक परिशीलन बरेली, 1985, प्रकाशित नि०- डा० रमेशचन्द जैन, बिजनौर अध्यक्ष- संस्कृत विभाग, श्री कुन्दकुन्द जैन महाविद्यालय, खतौली-251201 (उ०प्र०) प्रका०- परिमल पब्लिकेशन्स, 27/28 शक्तिनगर, दिल्ली-110007 प्रथम : 1985/100.00/266 अ०- (1) विषय-प्रवेश, (2) काव्य-स्वरूप एवं चम्पू काव्यों में पुरुदेव चम्पू का स्थान, (3) काव्यात्मक अनुशीलन, (4) कथा तत्त्व, (5) पुरुदेव चम्पू के प्रसिद्ध पात्रों का तुलनात्मक अनुशीलन, (6) पुरुदेव चम्पू का सांस्कृतिक विश्लेषण, (7) राष्ट्र नीति और लोकाभ्युदय, (8) कला और मनोरंजन,
(9) उपसंहार। 144. जैन, कमलेश कुमार
जैन आचार्यों का अलंकार शास्त्र में योगदान वाराणसी, 1977, प्रकाशित (1) जैन दर्शन विभाग, प्राच्य विद्या धर्म विज्ञान संकाय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी-221005 (उ०प्र०) (2) बी 2/ 249 निर्वाण भवन, लेन नं० 14, रवीन्द्रपुरी, वाराणसी- 221005 प्रका०- पा० शो०, वाराणसी प्रथम : ......./50.00/18 + 226 अ०- (1) जैन आलंकारिक और अलंकार शास्त्र, (2) कवि और काव्य, (3) रस-विचार, (4) दोष-गुण विवेचन, (5) अलंकार-विवेचन, (6) ध्वनि विचार, (7) नाट्य का समावेश, (8) उपसंहार।
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