________________
प्राकृत एवं जैनविद्या : शोध-सन्दर्भ
91.
89. शर्मा, ओमप्रकाश
अपभ्रंश के चरित्र काव्य : एक अनुशीलन
विक्रम, 1972, अप्रकाशित 90. शर्मा, गेंदालाल
(डी० लिट्०) शौरसेनी अपभ्रंश एवं साहित्यिक ब्रजभाषा के व्याकरणिक रूपों का तुलनात्मक अध्ययन आगरा, 1977, अप्रकाशित शर्मा, गोवर्धनदास प्राकृत और अपभ्रंश का डिंगल साहित्य पर प्रभाव राजस्थान, 1963. प्रकाशित नि०- डा० सोमनाथ गुप्त
हिन्दी विभाग, शा० वाणिज्य विनयन कॉलेज, गांधीनगर (गुजरात) 92. शाह, रमणीकलाल एम०
कवि साधारण विरचित अपभ्रंश भाषामय विलासबईकहा- संशोधित संस्करण तथा अध्ययन गुजरात, 1972, प्रकाशित (एल० डी० इंस्टीट्यूट, अहमदाबाद) नि०- पं० बेचर दास दोशी ब्रह्मचारी, शान्ति (श्रीमती) अपभ्रंश कथानक रूढ़ियों के आलोक में अपभ्रंश के चरित काव्य
मगध, 1988, अप्रकाशित 94. शाही, सदानन्द
अपभ्रंश का धार्मिक मुक्तक काव्य और मध्यकालीन सन्त काव्य धारा
गोरखपुर, 1989, अप्रकाशित 95. श्रीवास्तव, वीरेन्द्र
(डी० लिट्०) अपभ्रंश भाषा का अध्ययन (ध्वन्यात्मक, रूपात्मक, अर्थात्मक) पटना, 1964, प्रकाशित
राजेन्द्र नगर, पटना (बिहार) 96. सक्सेना, मंजु
आचार्य पद्मकीर्तिकृत अपभ्रंश महाकाव्य पासणाहचरिऊ में काव्य-संस्कृति और दर्शन मेरठ, 1996, अप्रकाशित नि०- डा० आर० एस० मिश्र, गाजियाबाद
93.
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org