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प्राकृत एवं जैनविद्या : शोध- सन्दर्भ
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जैन, कुसुमलता (पटोरिया)
लीलाबाई कहा के विशेष सन्दर्भ में प्राकृत कथाकाव्यों का अध्ययन इन्दौर, 1972, अप्रकाशित
नि०- डा० राजीव लोचन अग्निहोत्री
प्रवक्ता संस्कृत विभाग, नागपुर विश्वविद्यालय, नागपुर (महाराष्ट्र) आजाद चौक, सदर, नागपुर (महाराष्ट्र)
Jain, Davendra Kumar Trivikramas Prakrit Grammar
Lucknow, 1998, Published. Sup. --- Dr. V. P. Jain,
Azad Nagar (Ist street ), Morar, Gwalior - 474006
जैन, प्रेम सुमन
कुवलयमाला का सांस्कृतिक अध्ययन
उदयपुर, 1974, प्रकाशित
पूर्व अध्यक्ष जैन विद्या एवं प्राकृत विभाग, सुखाडिया विश्वविद्यालय, उदयपुर (राजस्थान )
प्रका०-- वैशाली
प्रथम : 1975 /......./20 + 496
अ०- (1) उद्योतनसूरि और उनकी कुवलयमालाकहा, (2) भौगोलिक विवरण (3) सामाजिक जीवन, (4) आर्थिक जीवन, (5) शिक्षा, भाषा, बोलियाँ, (6) ललित कलायें और शिल्प, (7) धार्मिक जीवन, उपसंहार ।
जैन, शशि प्रभा
गाथा सप्तशती और बिहारी सतसई : सतसई परम्परा के परिवेश में एक
तुलनात्मक अध्ययन
आगरा, 1968, अप्रकाशित
जैन, हुकुमचन्द्र
रयणचूड़रायचरियं का आलोचनात्मक सम्पादन एवं अध्ययन
उदयपुर, 1983, अप्रकाशित
प्राकृत विभाग, मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय, उदयपुर (राजस्थान)
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Joseph, P.M.
Prakrit loan words in Malayalam
Kerala, 1981, Unpublished.
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