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________________ प्राकृत एवं जैनविद्या : शोध-सन्दर्भ 197 1078. जैन, आशा (श्रीमती) (लघु प्रबन्ध) सागर नगर के छात्र-छात्राओं पर शाकाहारी एवं मांसाहारी भोजन का प्रभाव सागर, 2001, अप्रकाशित नि०- डा० (श्रीमती) अनुराधा पाण्डे, प्राचार्या, शिक्षा महाविद्यालय, सागर (म०प्र०) C-27, गौर नगर, विश्वविद्यालय परिसर, सागर वि०वि०, सागर (म०प्र०) 1079. जैन, रजनी (कुमारी) (लघु प्रबन्ध) शाकाहार का आर्थिक जीवन सागर, 2000, अप्रकाशित नि०- डा० जे० डी० सिंह C/o डा० चन्द्रभूषण जैन, परवारी मौहल्ला, छतरपुर (म०प्र०) 1080. जैन, अर्चना कुमारी (लघु प्रबन्ध) बालक बालिकाओं के विकास में शाकाहार की भूमिका सागर, .........., अप्रकाशित नि०- डा० श्रीमती कामायनी भट्ट । द्वारा श्री महेश कुमार जैन, 70, कटरा बाजार, सागर (म०प्र०) 1081. Parmar, Aligurt Manu Characterisation of Melon germplasm Using SDC Page of seed Proteins Ludhiana, 2004, Unpublished गांधीवाद GANDHISM 1082. टांक, ओम प्रकाश । गांधी दर्शन में युवा शक्ति : एक समीक्षात्मक विश्लेषण लाडनूं, 1997, अप्रकाशित नि०- डा० बच्छराज दूगड मानवमूल्य HUMAN VALUES 1083. छाजेड, वीरवाला आचार्य महाप्रज्ञ एवं अस्तित्ववादी विचारों में आध्यात्मिक मानवतावाद : एक अध्ययन विक्रम, 2000, अप्रकाशित नि०- डा० ए० वी० छाजेड, दर्शन विभाग, वि० वि० वि०, उज्जैन Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002731
Book TitlePrakrit evam Jainvidya Shodh Sandarbha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain
PublisherKailashchandra Jain Smruti Nyas
Publication Year2004
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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