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________________ प्राकृत एवं जैनविद्या : शोध-सन्दर्भ 179 970. जैन, सुनीता (श्रीमती) आचार्य देवसेन और उनकी कृतियाँ मेरठ, 1996, अप्रकाशित नि०- डा० श्रेयांश कुमार जैन, बडौत C/o श्री अनिल जैन, लोहे की दुकान, सुभाष चौक, शामली, जिला मुजफ्फरनगर (उ०प्र०) 971. जैन, सुषमा (श्रीमती) कविवर भागचन्द के व्यक्तित्व एवं कृतित्व का अनुशीलन सागर, 1992, अप्रकाशित नि०- डा० बद्रीप्रसाद द्वारा श्री मिश्रीलाल एडवोकेट, गुना (म०प्र०) 972. जैन, सुषमा आचार्य अमितगति : एक अनुशीलन सागर, 1987, अप्रकाशित नि०- डा० भागचन्द जैन भागेन्दु, दमोह (म०प्र०) 973. झा, संगीता (श्रीमती) जैन साहित्य में हरिभद्र का अवदान वाराणसी, 1990, अप्रकाशित नि०- डा० सागरमल जैन, वाराणसी, डा० बी० एन० सिंह, बी० एच० यू० 974. टण्डन, किरण महाकवि ज्ञानसागर के काव्य : एक अध्ययन नैनीताल, 1978, प्रकाशित प्रका०- ईस्टर्न बुक लिंकर्स, जवाहर नगर, दिल्ली प्रथम : 1984/160.00/23 + 475 अ०- (1) प्रस्तावना, (2) महाकवि ज्ञानसागर का जीवन वृत्तान्त, (3) महाकवि ज्ञानसागर के संस्कृत काव्य ग्रन्थों के संक्षिप्त कथासार, (4) महाकवि ज्ञानसागर के संस्कृत काव्य ग्रन्थों के स्रोत, (5) महाकवि ज्ञानसागर के संस्कृत काव्य ग्रन्थों की काव्यशास्त्रीय विधाएँ, (6) महाकवि ज्ञानसागर की पात्र-योजना. (7) महाकवि ज्ञानसागर का वर्णन कौशल, (8) महाकवि ज्ञानसागर के संस्कृत काव्यग्रन्थों में भावपक्ष, (७) महाकवि ज्ञानसागर के संस्कृत काव्य ग्रन्थों में कलापक्ष, (10) महाकवि ज्ञानसागर का जीवन दर्शन, (11) उपसंहार। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002731
Book TitlePrakrit evam Jainvidya Shodh Sandarbha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain
PublisherKailashchandra Jain Smruti Nyas
Publication Year2004
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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