________________
प्राकृत एवं जैनविद्या : शोध- सन्दर्भ
790. जैन, सीमा
मध्यप्रदेश का गुप्तोत्तरकालीन सांस्कृतिक परिवेश: जैन स्रोतों के आधार पर (550 से 1206 ई० तक)
जबलपुर, 2000, अप्रकाशित
नि०- डा० मणिराम शर्मा, प्रोफेसर प्रा० भा० इ० सं० पु० विभाग, रानी दुर्गावती वि० वि०, जबलपुर ( म०प्र०)
390 खोवा मण्डी, जैन कन्या स्कूल के पास, जबलपुर (म०प्र०)
791 जैन, सुशीला (श्रीमती)
मालवा में जैन साहित्य का निर्माण तथा जैन साहित्यकारों का योगदान विक्रम, 1977, अप्रकाशित
792. जोहरापुरकर, विद्याधर
भट्टारक सम्प्रदाय
नागपुर, 1959, प्रकाशित
प्रका० - श्री जीवराज जैन ग्रन्थमाला, जैन संस्कृति संरक्षक संघ, सन्तोष भवन, फलटन गली, सोलापुर (महा० )
प्रथम : 1958 / 10.00/ 14 + 23 + 326
अ० - (1) प्रस्तावना, ( 2 ) भट्टारक सम्प्रदाय, ( 3 ) परिशिष्ट ।
793. Jha, Hit Narayan
The Lichchhavis
Varanasi, 1964, Unpublished.
151
794. तिवारी, मारुतिनन्दन प्रसाद
जैन प्रतिमा विज्ञान
वाराणसी, 1977, प्रकाशित
रीडर, प्राचीन भारतीय कला इतिहास विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी-221005 ( उ०प्र०)
D-51 / 164-बी सूरजकुंड, वाराणसी-221005 ( उ०प्र०)
प्रका०- पा० शो०, वाराणसी
प्रथम : 1981 / 150.00/8 + 316
अ०- (1) प्रस्तावना, (2) राजनीतिक एवं सांस्कृतिक पृष्ठभूमि, (3) जैन देवकुल का विकास, (4) उत्तर भारत के जैन मूर्ति अवशेषों का ऐतिहासिक सर्वेक्षण, (5) जिन प्रतिमाविज्ञान, ( 6 ) यक्ष - पक्षी - प्रतिमाविज्ञान (7) निष्कर्ष ।
795. Tiwari, Vinod Kumar
Rise and decline of Jainism in Bihar from Circa 600 B. C. to 1200 A. D. Magadha, 1983, Unpublished.
प्रवक्ता - इतिहास विभाग, यू. आर. कॉलेज, रोसड़ा (समस्तीपुर) बिहार
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org