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प्राकृत एवं जैनविद्या : शोध-सन्दर्भ
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699.
अ०- (1) परिचय (2) महापुराण (3) महाकाव्य के रूप में महापुराण की समीक्षा (4)
महापुराण और उसका कथास्रोत (5) कथा-प्रवाह में प्रसंगों की संगति (6)
काव्य और लोक-जीवन (7) भाव-पक्ष (8) कला-पक्ष (७) सामान्य मूल्यांकन। 698. मेहता, मंजुला
त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित में महावीर चरित वाराणसी, 1977, अप्रकाशित मृदुल कुमारी शान्तिनाथ पुराण का समीक्षात्मक अध्ययन बरेली, 1985, अप्रकाशित ।
नि०- डा० रमेशचन्द जैन, बिजनौर 700. विश्नोई, रीता
पाण्डवपुराण का समीक्षात्मक अध्ययन बरेली, 1987, अप्रकाशित
नि०- डा० रमेशचन्द जैन, बिजनौर 701. शर्मा, प्रमोदचंद
पद्मपुराण में प्रतिपादित भारत का सामाजिक सांस्कृतिक जनजीवन मेरठ, 1991, अप्रकाशित नि०- डा० के० सी० जैन
प्रवक्ता, जनता इन्टर कॉलेज, केशोपुर सठला (बुलन्दशहर) उ०प्र० 702. शर्मा, मंजू
त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित : एक अध्ययन दिल्ली, 1982, अप्रकाशित
703. Shriyan, Ratan Nagesh
A Critical study of Mahapurana of Pushpadanta
Mumbai, 1952, Published. Pub.-L.D., Ahemadabad First: 1969/30.00/10+348 Chap.- (1) Nature and scope of the present study (2) Description of the basic sources of the present study (3) The plan of study and the mode of its presentation (4) The nature and character of Dasya element (5) The role of Dasya element in Prakrit and Apabhramsa in general and puspadanta's works in particular (6) Items only derivable from Sanskrit (7) Tadbhavas with specialised changed meanings (8) Items partly derivable from Sanskrit (9) Items that have correspondents only in late Sanskrit Lexicons and similar sources (10) Onomatopoetic words (11) Foreign Loans (12) Pure Desi words.
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