________________
122
Bibliography of Prakrit and Jaina Research
598. दूगड़, वच्छराज
भारतीय दर्शन में अतीन्द्रिय ज्ञानमीमांसा उदयपुर, 1991, अप्रकाशित प्रवक्ता, अहिंसा शांति शोधपीठ, जैन विश्व भारती, लाडनूं (राज०)
599. धर्मेन्द्र शास्त्री (ब०)
तिलोयपण्णत्ति का सांस्कृतिक मूल्यांकन उदयपुर, 2003, अप्रकाशित नि०- डा० प्रेमसुमन जैन, उदयपुर श्री दि० जैन नसियां, दादावाडी विस्तार, कोटा (राज०)
600.
Vasupal, N The Nature of self in Jaina Philosophy: A Comparative Study. Dharwad, 1981, Unpublished.
601. पटैरिया, मुक्ताप्रसाद
जैनदर्शने आत्मद्रव्यविवेचनम् (संस्कृत) सम्पूर्णानन्द, 1966, प्रकाशित प्रका०- प्राच्यविद्या शोध अकादमी, दिल्ली प्रथम : 1973/185.00/10 + 284 अ०- जैनदर्शनस्य संक्षिप्तपरिचयः (2) जैनदर्शने आत्मद्रव्यम् (3) आत्मनो बहुत्वम् (4) आत्मनो बन्ध-प्रक्रिया (5) मुक्तात्मनां स्वरूपम् (6) समीक्षणमुपसंहारश्च
(7) सन्दर्भग्रन्थसंङ्केतानुक्रमणिका। 602. Patel, Shatilal Maganlal
Philosophy of Shrimad Rajachandra.
Baroda, 1966, Unpublished. 603. प्रभा, शुद्धात्म
आचार्य कुन्द कुन्द और उनके टीकाकार : एक समालोचनात्मक अध्ययन राजस्थान, ............ प्रकाशित नि०- डा० गंगाधर भट्ट प्रका०- पण्डित टोडरमल स्मारक ट्रस्ट, ए-4, बापूनगर, जयपुर-302015 प्रथम : 1987/20.00/302 अ०- (1) आचार्य कुन्द कुन्द और उनके टीकाकार : जीवन वृत्त (2) आचार्य कुन्दकुन्द के ग्रन्थों का परिचयात्मक अध्ययन (3) आचार्य कुन्द कुन्द के टीकाकारों का समालोचनात्मक अध्ययन (4) वर्ण्य-विषय और दार्शनिक विचार (5) मूल्यांकन एवं उपसंहार।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org