________________
ज्ञानपीठ मूर्तिदेवी जैन ग्रन्थमाला : अपभ्रंश ग्रन्थांक-१७
महाकवि पुष्पदन्त विरचित महापुराण
भाग-३
[ तीर्थकर अजितनाथसे मल्लिनाथ-चरित तक ]
(सन्धि ३७ से ६७ तक )
हिन्दी अनुवाद, प्रस्तावना तथा अनुक्रमणिका सहित
मूल-सम्पादक डॉ. पी. एल. वैद्य
अनुवादक डॉ. देवेन्द्र कुमार जैन, एम. ए., पी-एच. डो. प्रोफेसर, हिन्दी विभाग, शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय
इन्दौर (म. प्र.)
SEACTION
पनी
ADMIN
भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन
वीर नि० संवत् २५०७ : वि. संवत् २०३८ : सन् १९८१
प्रथम संस्करण : मूल्य पचपन रुपये
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org