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महापुराण
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दुवई - ता मेच्छाहिवेण भणिया फणिणो गज्जंतगयवरं । हि वेरिसेण्णमिणमो तरुणीकर चलियचामरं ॥ १ ॥ ताणायहिं वेउठिवर पाउसु । पीलु सामलु विलसइ सुरधणु । पवसिय पियहि पियहि तप्पइ मणु । तिम्मइ तम्मइ मणि जूरइ जणु । तरु कडess फुडइ विहडइ गिरि । अइरय सुरइ भरइ पूरें सरि । गुग्गुण कंपवणायउ । विरहें मंथिय पंथिय विंधइ ।
धावारहु उप्पर अहणिसु
मयलु तसइ रसइ वरिसइ घणु महिणीहरि हरि वड्ढइ तणु फुल्लकैलंबतंबु दीसइ वणु as assइ पडइ रुंजइ हरि जलु परियलइ घुलइ घुम्मइ दरि जलु थलु सयलु जल जि संजाय सरु कुसुमसरु णिरारिउ संघइ
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घत्ता - पाणिउ णीयगइ विज्जु वि डहइ धणु णिग्गुणु कुडिल सुरिंदहो । पाउसु हयमणो समु दुज्जणहो जो वरिसइ उवरि गरिदो ॥९॥
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दुबई - सेलिलुत्थल्लरेल्लपडिपेल्लणहयदुमविगयरिंछओ । णवघणरात्रमुइयचंदक्ककलावुद्धसियपिंछओ ॥१॥
दीसइ लग्गड वासारतउ असिजलि णिव डिवि जलु पुणु धावइ तहिं तं ण मिलइ गमणु जि मग्गइ धुवइ किं पि अलिपिंछहिं दलियउ को मंडणू विसes रिघरिणिहि वंस वंस तुहुं मई वड्डारिउ महु सरु प्राणहारि णावइ सरु धोइ मयमा गहं दाणई थक्क सचक्कवाय रह णं सर तौ पभणइ णरणाहपुरोहिउ
हु पडिविहाणु लहु किज्जइ ताराएं बलवइमुहुं जोइउ
सेणामहिलहि णावर रत्तउ । भडभुयदंडहु संमुहुं आवइ । लोहें गिलियहु को किर लग्गइ । वहुमुह लिहिउ पत्तावलियड । ढाइ सिरसिंदूर करिणिहिं । raft परचिंधे वेयारिउ । इय गज्जंतु व पभणइ जलहरु । दुम्मेहहं रुचंति ण दाणई । तो तरंति ण के के किर गर । लोउ देव उवसग्गे रोहिउ । अणु वारिवारणु चिंतिज्जइ । ते व पेस झत्ति विवेइउ ।
धत्ता - नियमणि चिंतियउ तेलि घित्तियउं तं चम्मरयणु जणभरधरु । उप्परि पुणु थविउ जगगउरविड धवलीयवत्तु जियससहरु ||१०||
[ १४.९. १
९. १. MB हिणिवि । २. MBP तणु । ३. BP 'कलंबु तंबु । ४. MBP अमग्गु वि किपि ण णायउ । १०. १. K सलिलुच्छलं । २. MB पाणहारि; P पाणिहारि । ३. MBP ताम भणइ । ४. M अणु । ५. MBP घत्तियउ । ६. K आयपत्तु जिह ससहरु ।
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