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संदृष्टि नं. 60
आहारक आस्रव 56
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आहारक में 56 आस्रव होते हैं जो इस प्रकार हैं - 5 मिथ्यात्व, 12 अविरति, योग 14 ( मनोयोग 4, वचनयोग 4, काययोग 6 औदारिक, औदारिक मिश्र, वैक्रियिक, वैक्रियिक मिश्र, आहारक और आहारक मिश्र काययोग), कषाय 16, कषाय 9 । गुणस्थान मिथ्यात्व आदि 13 होते हैं ।
गुणस्थान आस्रव व्युच्छित्ति 1. मिथ्यात्व 5 [गुणस्थानवत्
12. सासादन 4 [गुणस्थानवत्
3. मिश्र
4. अविस्त
5. देशवित
7. अप्रमत्त
संयम
8. अपूर्व
करण
0
7 [गुणस्थानवत्]
6. प्रमत्त संयम 2 [गुणस्थानक्त्]
15 [ गुणस्थानवत्
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0
6] [ गुणस्थानवत्
आस्रव
54 [5] मिथ्यात्व, 12 अविरति, योग 12 (मनोयोग 4, क्चनयोग 4, काययोग 4 - औदारिक, औदारिकमिश्र, वैक्रियिक और वैक्रियिकमिश्र काययोग),
कषाय 16, नोकषाय 9]
49 [गुणस्थानवत् 50 काययोग]
43 [गुणस्थानवत्]
45 [ गुणस्थानवत् 46 - कार्मण काययोग]
37 [गुणस्थानवत्]
24 [गुणस्थानवत्]
22 [गुणस्थानवत्]
22 [गुणस्थानवत्]
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आस्रव अभाव
2 [गुणस्थानक्त्]
कार्मण 7 [गुणस्थानवत्]
13 [गुणस्थानवत् 14 - कार्मण काययोग]
11 [ गुणस्थानवत्
19 [गुणस्थानवत् 20 - कार्मण काययोग]
32 [गुणस्थानवत् 33
- कार्मण काययोग]
34 [गुणस्थानवत् 35
- कार्मण काययोग]
34 [गुणस्थानवत् 35
- कार्मण काययोग]
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