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क्र.
विषय
1. मंगलाचरण एवं प्रतिज्ञा वचन
2. आस्रवों के उत्तर भेद
विषयानुक्रमणिका
3. गुणस्थानों में मूल आम्रव 4. गुणस्थानों में काययोग
5. गुणस्थानों में आस्रव व्युच्छित्ति, आस्रव सद्भाव एवं आस्रव अभाव
6. गुणस्थानों में आस्रव त्रिभङ्गी एवं सृदृष्टि (1 अ )
7. गुणस्थानों में योग एवं संदृष्टि (1 ब ) 8. गुणस्थानों में कषाय एवं संदृष्टि (1 स )
9. मध्य मंगलाचरण एवं मार्गणाओं में आस्रव कथन की प्रतिज्ञा
10. पर्याप्त अपर्याप्त जीवों में योग
11. गति मार्गणा में आस्रव त्रिभङ्गी एवं संदृष्टियाँ (2-12)
12. इन्द्रिय एवं काय मार्गणा में आस्रव त्रिभङ्गी एवं संदृष्टियाँ ( 13-20 )
13. योग, वेद, कषाय एवं ज्ञान मार्गणा में आस्रव त्रिभङ्गी एवं संदृष्टियाँ ( 21 - 36 )
14. संयम, दर्शन, लेश्या, भव्य, सम्यक्त्व, संज्ञी एवं आहार मार्गणा में आस्रव त्रिभङ्गी एवं संदृष्टियाँ ( 37-61)
15. ग्रंथ अध्ययन का फल एवं अन्तिम मङ्गलाचरण
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गाथा सं.
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26-34
39-49
पृष्ठ सं.
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1-3
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61-87
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