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ब्रहाहेमचंयविरचित
जो पढइ सुणइ गाहा अत्थे जाणेइ कुणइ सद्दहणं । आसण्णभव्वजीओ सो पावइ परमणिव्वाणं 194||
अर्थ :- जो इन गाथाओं को पढ़ता है, सुनता है तथा अर्थ को जानते हुए श्रद्धान करता है, वह निकट भव्य जीव परमसुख रूप निर्वाण को प्राप्त करता है।
इति श्री ब्रह्माहेमचंद्रविरचितः श्रुतस्कंधः समाप्तः
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