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________________ पाठ-11 कस्सेसा भज्जा कस्सेसा [(कस्स)+ (एसा)] कस्स (क) 6/1 सवि एसा (एता) 1/1 स (भज्जा ) 1/1 किसकी यह भज्जा पत्नी 1. हत्थिणाउरे हस्तिनापुर (में) नगर में नयरे सूरनामा' शूरनामक रायपुत्तो णाणागुणरयण-संजुत्तो वसइ राजपुत्र नाना गुणरूपी रत्नों से युक्त रहता है (था) उसकी पत्नी गंगा नामवाली तस्स (हत्थिणाउर) 7/1 (नयर) 7/1 [(सूर) 1/1 नाम (अ) नामक] (रायपुत्त) 1/1 [(णाणा)-(गुण)-(रयण)(संजुत्त) भूकृ 1/1 अनि] (वस) व 3/1 अक (त) 6/1 स (भारिया) 1/1 [(गंगा)+(अभिहाणा)] [(गंगा)-(अभिहाणा) 1/1 वि] [(सील)+ (आइ)+ (गुण)+ (अलंकिया)] [(सील)-(आइ)(गुण)-(अलंकिया) 1/1 वि] [(सुमइ) 1/1 नाम (अ) = नामक] (त) 6/2 स (धूया) 1/1 (ता) 1/1 स भारिया गंगाभिहाणा सीलाइगुणालंकिया शीलादि गुणों से अलंकृत सुमइनामा सुमति नामक उनकी तेसिं पुत्री धूया सा वह नाम= 'नामक' अर्थवाले अव्यय का प्रयोग जब संज्ञा के साथ किया जाता है तब ह्रस्व का दीर्घ हो जाता है। 304 प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002691
Book TitlePrakrit Gadya Padya Saurabh Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2009
Total Pages384
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size10 MB
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