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अणगारियं
(अणगारिय) 2/1 वि
साधु-सम्बन्धी (में)
34.
अव्यय
इसलिए
(अम्ह) 1/1 स
नाथ
नाहो जाओ अप्पणो
हुआ (बन गया) निज का
(नाह) 1/1 (जाअ) भूकृ 1/1 अनि (अप्प) 6/1 वि अव्यय (पर) 6/1 वि अव्यय
और
परस्स
दूसरे का भी सब ही (का)
सव्वेसिं
(सव्व) 6/2 वि
चेव
अव्यय
भूयाणं
प्राणियों का
तसाणं
(भूय) 6/2 (तस) 6/2 वि (थावर) 6/2 वि
त्रस का
थावराण
स्थावर का
अव्यय
और
.
कभी-कभी सप्तमी के स्थान पर द्वितीया विभक्ति का प्रयोग पाया जाता है। (हेम प्राकृत व्याकरण 3-137)
170
प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ
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