________________
वणे समिच्चा
जंगल में इकट्ठे मिलकर
(वण) 7/1 (समिच्चा) संकृ अनि (त) 1/2 स (संपउत्त) 1/2 वि (नगर) 2/1 (पविठ्ठ) भूक 1/2 अनि
संपउत्ता नगरं पविट्ठा
जुड़े हुए नगर में (को) गए
30.
जहा
जैसे
ससुत्ता
धागेयुक्त
नहीं
(सूई) 1/1 अव्यय (ससुत्त) 1/1 वि अव्यय (नस्स) व 3/1 अक (कयवर) 7/1 (पड) भूकृ 1/1 अव्यय
नष्ट होती है (खोती है)
नस्सई कयवरम्मि पडिआ
कूड़े में
पड़ी हुई
वि
जीवो
(जीव) 1/1
जीव
अव्यय
ही
तह
अव्यय
ससुत्तो
(ससुत्त) 1/1 वि
अव्यय (नस्स) व 3/1 अक
वैसे ही नियम-युक्त नहीं नष्ट होता है (बर्बाद होता है) स्थित
नस्सइ
गओ
(गअ) भूकृ 1/1 अनि
वि
भी
संसारे
अव्यय (संसार) 7/1
संसार में
दो शब्दों को जोड़ने के लिए कभी-कभी दो बार 'य' का प्रयोग 'और' अर्थ में किया जाता है। . सभी गत्यार्थक क्रियाओं के योग में द्वितीया विभक्ति होती है।
यहाँ भूतकालिक कृदन्त का प्रयोग कर्तृवाच्य में है। जाना, चलना अर्थ की क्रियाओं में भूतकालिक कृदन्त कर्तृवाच्य में भी होता है।। छन्द की मात्रा की पूर्ति हेतु 'इ' को 'ई' किया गया है।
प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ
149
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org