SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 329
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ર૭૮ परिशिष्ट - १ छन्द नाम दोहा पद्धतिकापादाकुलक ग्रन्थ नाम एवं पद्यांक [२१] वीर० १-१५; [२२] चतुर्विं जिनस्तुतयः १-१९६; [२३] चतुर्विंशति-जिनस्तोत्राणि ११४५; [२४] नन्दीश्वर चैत्यस्तव १-२५; [२५] सर्वजिनपंचकल्याणक० १-२६; [२७] महाभक्तिगर्भा सर्वज्ञविज्ञप्तिका १-३६; [२८] प्रथम जिनस्त० १; [३०] स्तंभन पार्श्व० स्तोत्र १-११; [३१] क्षुद्रोप० पार्श्व० स्तोत्र १-२२; [३२] महावीर-विज्ञप्तिका १-१२; [२८] प्रथमजिनस्त० ३, [२८] प्रथमजिनस्त० २, ५, १३, १४, २३, २५; [१३] प्रश्नोत्त० १५५; [२८] प्रथमजिनस्त० ६९, १८, २१, २४; [२६] सर्वजिनपंचकल्याणस्तोत्र (पणय०) १८; [२८] प्रथमजिनस्त० १९, २०; [२८] प्रथमजिनस्त० १०-१२, २८, २९; [२८] प्रथमजिनस्त० २२; [२८] प्रथमजिनस्तवन २६; [२८] प्रथमजिनस्त० १७; [१३] प्रश्नोत्तरैक० १५०; [६] पौषध० ३, [११] संघपट्टक १८, २०; [१३] प्रश्नोत्त० ३४; [२३] लघु अजित० १७; [२८] प्रथमजिनस्त० ४, १५, २७; [२८] प्रथमजिनस्त० ३०; [४५] नवकार स्तोत्र १-१३; [१३] प्रश्नोत्तरैक० ६८; मदनावतार वस्तुवदनएकावलीक्रीडनकपंचपदीस्कन्धकद्विपदीद्विपदी हक्का षट्पदीषट्पदीपुष्पिताग्रा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002681
Book TitleJinvallabhsuri Granthavali
Original Sutra AuthorVinaysagar
Author
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2004
Total Pages398
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy