SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 6
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ एक सप्ताह के बाद पुनः प्रेमी जी का पत्र मिला-"श्री हजारीप्रसाद विवेदी ने स्वीकृति दे दी है, आप अपनी रचना शान्ति-निकेतन के पते से उन्हें भेज दें।" मैंने श्री प्रेमी जी के आदेशानुसार इस रचना को श्री हजारीप्रसाद द्विवेदी के पास भेज दिया। लगभग छह महीने के पश्चात् पुस्तक वहाँ से लौटी और साथ ही एक पत्र भी मिला, जिसमें कुछ सुझाव थे। पुस्तक कैसी है ? इसपर मुझे एक शब्द भी नहीं लिखना। पाठक स्वयं निर्णय कर सकेंगे। विश्व में अपने दही को कोई भी खट्टा नहीं बतलाता है। अपना कानाकलूटा पुत्र भी प्रिय होता है। पुस्तक लिखने में अनेक प्राचीन और नवीन आचार्यों और लेखकों की पुस्तकों से सहायता ली है, अतः सर्वप्रथम उन सभी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापन करना परम कर्तव्य है। जिन व्यक्तियों से पुस्तकों द्वारा या वाचनिक सम्मति द्वारा सहायता प्राप्त हुई है, उनमें सर्वश्री स्व. पं. जगन्नाथ तिवारी, श्री पं. नाथूराम प्रेमी, बम्बई, श्री डॉ. हजारीप्रसाद द्विवेदी, बनारस, श्री पूज्य पं. कैलाशचन्द्र जी सिद्धान्तशास्त्री, बनारस, प्रो. गो. खुशालचन्द्र जैन एम. ए. साहित्याचार्य, काशी, श्री रामनरेशलाल, श्रीराम होटल, पटना, श्री पं. तारकेश्वर त्रिपाठो ज्योतिषाचार्य, आरा और अपनी धर्मपत्नी श्रीमती सुशीलादेवी का मैं अत्यन्त आभारी हूँ। पुस्तक प्रकाशित करने में भारतीय ज्ञानपीठ काशी के सुयोग्य मन्त्री श्री. पं. अयोध्याप्रसाद जी गोयलीय और लोकोदय ग्रन्थमाला के सम्पादक श्री. बा. लक्ष्मीचन्द्रजी जैन एम. ए. का आभारी हूँ, आप दोनों महानुभावों की सत्कृपा से ही यह रचना प्रकाशित हो सकी है। प्रूफ़-संशोधन में श्री सरस्वती प्रिंटिंग वर्क्स लि. आरा के व्यवस्थापक श्री जुगल किशोर जैन बी. एस-सी. से भी पर्याप्त सहायता मिली है, अतः आपका भी आभारी हूँ। अप्रैल १९५२ निवेदक नेमिचन्द्र शास्त्री Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002676
Book TitleBharatiya Jyotish
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1981
Total Pages562
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Jyotish
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy