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________________ या पहाड़ का नाम पूछकर प्रश्नाक्षर ग्रहण करने चाहिए । अ वर्ग के वर्ण प्रश्नाक्षर हों अथवा प्रश्नाक्षरों में अवर्ग के वर्गों की प्रधानता हो तो ब्राह्मण चोर होता है । चोर पुरुष न होकर कोई नारी होती है और चोरी गयी वस्तु मिल जाती है । प्रश्नाक्षर में क वर्ग के वर्ण प्रधान हों तो क्षत्रिय जाति का व्यक्ति चोर होता है । इस प्रकार के प्रश्नाक्षरों के होने पर पुरुष चोरी करते हैं और चोरी की वस्तु बहुत दूर पहुँच जाती है । प्रयास करने पर इस प्रकार के प्रश्नाक्ष रों की वस्तु प्राप्त होती है । चोर व्यक्तियों का क़द मध्यम दर्जे का होता है और एक व्यक्ति के दाहिने अंग में किसी अस्त्र की चोट का चिह्न रहता है अथवा वह पैर का लँगड़ा होता है । च वर्ग के प्रश्नाक्षर होने पर चोर वैश्य वर्ण का व्यक्ति होता है । चोरी करनेवाला अत्यन्त कापुरुष, सन्तानहीन, व्यसनी एवं दुराचारी होता है । ट वर्ग के वर्ण प्रश्नाक्षर होने से शूद्र जाति का व्यक्ति चोर होता है और चोरी करनेवाला नपुंसक होता है । इस प्रकार के प्रश्नाक्षरों से यह सूचना भी मिलती है कि चोर का सम्बन्ध पुराना है और उसका विश्वास होता चला आ रहा है । उसके गाल या मस्तक पर मस्सा अथवा तिल का दाग़ भी है । त वर्ग के प्रश्नाक्षरों के होने से चोरी करनेवाला अन्त्यज होता है । चोरी के समय उसकी सहायता दो-तीन व्यक्ति करते हैं या चोरी करने में उनको भी सहमति रहती है । यह चोरी अत्यन्त विश्वसनीय व्यक्तियों से मिलकर की जाती है । चोरी गये पदार्थ घर से आधा मील की दूरी पर रहते हैं तथा रुपये खर्च करने पर वे पदार्थ मिल भी जाते हैं | पवर्ग के वर्ण प्रश्नाक्षर हों तो घर की दासी या नौकरानी चोर होती है । चोरी का सामान भी मिल जाता है । चोरी करनेवाली निम्न श्रेणी की होती है तथा उसकी आयु ४५ - ५० वर्ष की होती है । चोरी में इसे किसी से सहायता प्राप्त नहीं होती है, पर इसकी जानकारी घर के किसी न किसी व्यक्ति को अवश्य रहती है । य वर्ग के वर्ण प्रश्नाक्षर होने पर चोर शूद्र वर्ण का व्यक्ति होता है । बहुत सम्भव है कि यह घर का कोई नौकर ही रहता है अथवा उस घर से उसका सम्बन्ध रहता है । इन प्रश्नाक्षरों से यह भी ज्ञात होता है कि चोर किसी नौकरानी से भी मिला है और चोरी में उसने भी सहायता प्रदान की है । श वर्ग के वर्ण प्रश्नाक्षर हों तो चोरी करनेवाला वैश्य जाति का व्यक्ति होता है । इस व्यक्ति के सिर पर बाल कम होते हैं और इसके बाल झड़ जाते हैं तथा खोपड़ी दिखलाई पड़ती है । इसका क़द मध्यम होता है और अवस्था ३५ या ४० वर्ष के बीच की होती हैं । चोर अपने व्यवसाय में अत्यन्त प्रवीण होता है तथा चोरी करने का उसका अभ्यास रहता है । उसके दाहिने कन्धे पर लहसुन या किसी शस्त्र का चिह्न अंकित रहता है । पंचम अध्याय Jain Education International For Private & Personal Use Only ४९३ www.jainelibrary.org
SR No.002676
Book TitleBharatiya Jyotish
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1981
Total Pages562
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Jyotish
File Size22 MB
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