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________________ यहाँ पर सैक ( एक सहित ) नहीं किया गया, क्योंकि लग्न चन्द्रमा और सूर्य के बीच में है । यश सहम रात में वर्षप्रवेश हो तो पुण्यसहम में से गुरु सहम को घटाये और दिन में वर्षप्रवेश हो तो गुरु सहम में से पुण्य सहम को घटाकर शेष में लग्न जोड़ना चाहिए तथा पूर्वोक्त सहम संस्कार भी करना चाहिए । मित्र सहम दिन में वर्ष प्रवेश हो तो गुरु सहम में से पुण्य सहम को घटावे, गुरु सहम को घटाकर शेष में शुक्र को जोड़ हो तो पुण्य सहम में से मित्र सहम होता है । आज्ञा सहम दिन में वर्षप्रवेश हो तो शनि में से शुक्र को घटाये और रात में वर्षप्रवेश हो तो शुक्र में से शनि को घटाकर शेष में लग्न को जोड़ सैकता ( एकसहित ) करने से आशा सहम होता है । रात में वर्ष प्रवेश संस्कार करने से राज सहम ( पिता सहम ) दिन में वर्षप्रवेश हो तो शनि में से सूर्य को घटाये और रात में वर्ष प्रवेश हो तो सूर्य में से शनि को घटाकर लग्न को जोड़ पूर्वोक्त सैकता करने से राज सहम होता है । इसका दूसरा नाम पिता सहम भी है । माता सहम दिन में वर्षप्रवेश हो तो चन्द्र में से शुक्र को घटाये और रात में वर्ष प्रवेश हो तो शुक्र में से चन्द्र को घटाकर शेष में लग्न को जोड़ सैकता करने से माता सहम होता है । कर्म सहम दिन में वर्ष प्रवेश हो तो भौम में से बुध को घटाये और रात में तो बुध में से मंगल को घटाकर शेष में लग्न को जोड़ पूर्ववत् सैकता सहम होता है । Jain Education International प्रसूति सहम बुध में से रात में वर्षप्रवेश हो तो बृहस्पति को घटाये और दिन में वर्षप्रवेश हो तो गुरु में से बुध को घटाकर शेष में लग्न को जोड़ पूर्ववत् सैकता करने से प्रसूति सहम होता है । vna For Private & Personal Use Only वर्षप्रवेश हो करने से कर्म भारतीय ज्योतिष www.jainelibrary.org
SR No.002676
Book TitleBharatiya Jyotish
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1981
Total Pages562
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Jyotish
File Size22 MB
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