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जन्मसमय में मेषादि द्वादश राशियों में नवग्रहों का फल
रवि- मेष राशि में रवि हो तो जातक आत्मबली, स्वाभिमानी, प्रतापी, चतुर, पित्तविकारी, युद्धप्रिय, साहसी, महत्त्वाकांक्षी, शूरवीर, गम्भीर, उदार; वृष में हो तो स्वाभिमानी, व्यवहारकुशल, शान्त, पापभीरु, मुखरोगी, स्त्रीद्वेषी; मिथुन में हो तो विवेकी, विद्वान्, बुद्धिमान्, मधुरभाषी, नम्र, प्रेमी, धनवान्, ज्योतिषी, इतिहासप्रेमी, उदार; कर्क में हो तो कीर्तिमान्, लब्ध-प्रतिष्ठ, कार्यपरायण, चंचल, साम्यवादी, परोपकारी, इतिहासज्ञ, कफरोगी; सिंह में हो तो योगाभ्यासी, सत्संगी, पुरुषार्थी, धैर्यशाली, तेजस्वी, उत्साही, गम्भीर, क्रोधी, वनविहारी; कन्या में हो तो मन्दाग्निरोगी, शक्तिहीन, लेखन-कुशल, दुर्बल, व्यर्थबकवादी; तुला राशि में हो तो आत्मबलहीन, मन्दाग्निरोगी, परदेशाभिलाषी, व्यभिचारी, मलीन; वृश्चिक में हो तो गुप्त उद्योगी, उदररोगी, लोकमान्य, क्रोधी, साहसी, लोभी, चिकित्सक; धनु राशि में हो तो बुद्धिमान्, योगमार्गरत, विवेकी, धनी, आस्तिक, व्यवहारकुशल, दयालु, शान्त; मकर में हो तो चंचल, झगड़ालू, बहुभाषी, दुराचारी, लोभी; कुम्भ में हो तो स्थिरचित्त, कार्यदक्ष, क्रोधी, स्वार्थी एवं मीन में रवि हो तो ज्ञानी, विवेकी, योगी, प्रेमी, बुद्धिमान्, यशस्वी, व्यापारी और श्वसुर से लाभान्वित होता है ।
चन्द्रमा मेष में चन्द्रमा हो तो दृढ़शरीर, स्थिर सम्पत्तिवान्, शूर, बन्धुहीन, कामी, उतावला, जल-भीरु; वृष में हो तो सुन्दर, प्रसन्नचित्त, कामी, दानी, कन्या सन्ततिवान्, शान्त, कफरोगी; मिथुन में हो तो रतिकुशल, भोगी, मर्मज्ञ, विद्वान्, नेत्रचिकित्सक; कर्क में हो तो सन्ततिवान्, सम्पत्तिशाली, श्रेष्ठ बुद्धि, जलविहारी, कामी, कृतज्ञ, ज्योतिषी, उन्माद रोगी; सिंह में हो तो दृढ़देही, दाँत तथा पेट का रोगी, मातृभक्त, अल्पसन्ततिवान्, गम्भीर, दानी; कन्या राशि में हो तो सुन्दर, मधुरभाषी, सदाचारी, धीर, विद्वान्, सुखी; तुला राशि में हो तो दीर्घदही, आस्तिक, अन्नदाता, धनवान्, ज़मींदार, परोपकारी, वृश्चिक राशि में हो तो नास्तिक, लोभी, बन्धुहीन, परस्त्रीरत; धनु राशि में हो तो वक्ता, सुन्दर, शिल्पज्ञ, शत्रुविनाशक; मकर राशि में हो तो प्रसिद्ध, धार्मिक, कवि, क्रोधी, लोभी, संगीतज्ञ; कुम्भ राशि में हो तो उन्मत्त, सूक्ष्मदेही, मद्यपायी, आलसी, शिल्पी, दुखी एवं मीन राशि में चन्द्रमा हो तो शिल्पकार, सुदेही, शास्त्रज्ञ, धार्मिक, अतिकामी और प्रसन्नमुख जातक होता है।
___मंगल-मेष राशि में मंगल हो तो सत्यवक्ता, तेजस्वी, शूरवीर, नेता, साहसी, दानी, राजमान्य, लोकमान्य, धनवान्; वृष राशि में हो तो पुत्रद्वेषी, प्रवासी, सुखहीन, पापी, लड़ाकू प्रकृति, वंचक; मिथुन राशि में हो तो शिल्पकार, परदेशवासी, कार्यदक्ष, सुखी, जनहितैषी; कर्क में हो तो सुखाभिलाषी, दीन, सेवक, कृषक, रोगी, दुष्ट; सिंह राशि में हो तो शूरवीर, सदाचारी, परोपकारी, कार्यनिपुण, स्नेहशील; कन्या राशि में हो तो लोकमान्य, व्यवहारकुशल, पापभीरु, शिल्पज्ञ, सुखी; तुला राशि में हो तो प्रवासी, वक्ता, कामी, परधनहारी; वृश्चिक राशि में हो तो व्यापारी, चोरों का नेता, २५८
भारतीय ज्योतिष
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