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अभिजित् को भी २८वा नक्षत्र माना गया है। ज्योतिविदों का अभिमत है कि उत्तराषाढ़ा की आखिरी १५ घटियां और श्रवण के प्रारम्भ की चार घटियां, इस प्रकार १९ घटियों के मानवाला अभिजित् नक्षत्र होता है। यह समस्त कार्यों में शुभ माना गया है।
.. नक्षत्रों के स्वामी-अश्विनी का अश्विनीकुमार, भरणी का काल, कृत्तिका का अग्नि, रोहिणी का ब्रह्मा, मृगशिरा का चन्द्रमा, आर्द्रा का रुद्र, पुनर्वसु का अदिति, पुष्य का बृहस्पति, आश्लेषा का सर्प, मघा का पितर, पूर्वाफाल्गुनी का भग, उत्तराफाल्गुनी का अर्यमा, हस्त का सूर्य, चित्रा का विश्वकर्मा, स्वाति का पवन, विशाखा का शुक्राग्नि, अनुराधा का मित्र, ज्येष्ठा का इन्द्र, मूल का निऋति, पूर्वाषाढ़ा का जल, उत्तराषाढ़ा का विश्वेदेव, अभिजित् का ब्रह्मा, श्रवण का विष्णु, धनिष्ठा का वसु, शतभिषा का वरुण, पूर्वाभाद्रपद का अजैकपाद, उत्तराभाद्रपद का अहिर्बुध्न्य एवं रेवती का पूषा स्वामी हैं । नक्षत्रों का फलादेश भी स्वामियों के स्वभाव-गुण के अनुसार जानना चाहिए ।
पंचक संज्ञक नक्षत्र–धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती इन नक्षत्रों में पंचक दोष माना जाता है।
चरसंशक नक्षत्र और उनमें विधेय कार्य
स्वात्यादित्ये श्रुतेस्त्रीणि चन्द्रश्चापि चरं चलम् ।
तस्मिन् गजादिकारोहो वाटिकागमनादिकम् ॥ वही, पद्य ३ क्रूर और उग्रसंशक नक्षत्र और उनमें विधेय कार्य
पूर्वात्रयं याम्यमधे उग्रं क्रूरं कुजस्तथा । - तस्मिन् घाताग्निशाठ्यानि विषशस्त्रादि सिद्धयति ।-वही, श्लो. ४ मिश्रसंज्ञक नक्षत्र और उनमें विधेय कार्य
विशाखाग्नेयमे सौम्यो मिश्रं साधारणं स्मृतम् ।।
तत्राग्निकार्य मिश्रं च वृषोत्सर्गादि सिद्धयति ॥-वही, श्लो. ५ क्षिप्र और लघु संज्ञक नक्षत्र और उनमें विधेय कार्य
हस्ताश्विपुष्याभिजितः क्षिप्रं लघुगुरुस्तथा।
तस्मिन्पण्यरतिज्ञानभूषाशिल्पकलादिकम् ॥ वही, श्लो. ६ मृदु और मैत्री संशक नक्षत्र और उनमें विधेय कार्य
मृगान्त्यचित्रामित्रः मृदुमैत्रं भृगुस्तथा ।
तत्र गीताम्बरक्रीडामित्रकार्य विभूषणम् ॥ वही, श्लो. ७ तीक्ष्ण और दारुप्पसंज्ञक नक्षत्र और उनमें विधेय कार्य
मूलेन्द्रार्द्राहिभं सौरिस्तीक्ष्णं दारुणसंशकम् ।
तत्राभिचारघातोग्रमेदाः पशुदमादिकम् ।। वही, श्लो. ८ अधोमुखादि संज्ञाएँ
मूलाहिमिश्रोग्रमधोमुखं भवेदूवा॑स्यमार्द्रज्यहरित्रयं ध्रुवम् । तिर्यङ मुखं मैत्रकरानिलादितिज्येष्ठाश्विभानीदृशकृत्यमेषु सत् ॥ वही, श्लो. ९
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भारतीय ज्योतिष
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