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________________ ५३ श्री पार्श्वनाथ चरितमहाकाव्य चरमेऽप्यवतारे ते परमश्रीमहोदया । जजृम्भेऽस्तु नमस्तुभ्यमश्वसेनसुतात्मने ॥ २१७॥ स्तुत्वा त्वां भगवन्नेवं वयमाशास्महे फलम् । भवे भवे भवानेव भूयान्नः शरणं जिनः ॥२१८॥ स्तुत्वेति तं गुणैर्भूतैः शक्राद्यास्त्रिदशावृताः । क्रमाच्छिवपुरीं याताः परमानन्दनन्दिताः ॥ २१९ ॥ Jain Education International सौधर्मेन्द्रोऽथ जगतामीशितारं मितैः सुरैः । राजसौधाङगणे सिंहविष्टरे तं न्यवीविशत् ॥ २२०॥ अश्वसेनोऽथ नृपतिः सानन्दं पुलकाञ्चितः । ददर्श दर्शनतृप्तस्तं मुदा मेदुरेक्षणः ॥ २२१॥ पौलोम्या जिनमाताऽथ मायानिद्रां वियुज्य सा । प्रबोधिता तमैक्षिष्ट विभुमानन्दनिर्भरा ॥२२२॥ ततः क्षौमयुगं कुण्डलद्वयं च जिनान्तिकम् । सुवर्णकन्दुकं श्रीदामगण्डं मणिरत्नयुक् ॥ २२३॥ हारादिभिः शोभमानं विताने प्रीतये विभोः । चिक्षेप शक्रो द्वात्रिंशद्धेमकोटीः कुबेरतः ॥२२४॥ (२१७) आपके इस अन्तिम अवतार में महान् उदयवाली परमलक्ष्मी फैली हुई है। (ऐसे) अश्वसेन के पुत्र आपको नमस्कार हो । (२१८) हे प्रभो ! हम देव आपकी इस प्रकार स्तुति करके इस फल की आशा करते हैं कि प्रत्येक जन्म में आप जिनदेव ही हमारे आश्रय होवें । (२१९) इस प्रकार योग्य गुणों से भगवान् जिनदेव की स्तुति करके इन्द्रादि सहित सभी देव परम आनन्दपूर्वक अनुक्रम से शिवपुरी को चले गये । ( २२० ) तब सौधर्मेन्द्र ने कुछ देवताओं के साथ उन जगत् के स्वामी को राजप्रासाद के प्रांगण में सिंहासन पर बैठाया । (२२१) हर्ष से रोमाञ्चित, प्रमोद से सभर नेत्रवाले अश्वसेन राजा ने उसका दर्शन किया और वह (राजा) दर्शन से तृप्त हुआ । ( २२२ ) शची के द्वारा माया निद्रा को पृथकू किये जाने पर जगायी गयी जिनमाता ने आनन्द विभोर होकर प्रभु जिन को देखा । (२२३ - २२४ ) बाद में, प्रभु की प्रसन्नता के लिये इन्द्र ने मण्डप में जिनदेव के नजदीक दो रेशमी दुपट्टे, दो कुण्डल, सुवर्ण की गेंद, मणिहार आदि से शोभायमान तथा मणिरत्नजटित श्रीदामगण्ड फेंके और कुबेर के पास से लेकर बत्तीस करोड़ स्वर्णमुद्राओं की दृष्टि की । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002632
Book TitleParshvanatha Charita Mahakavya
Original Sutra AuthorPadmasundar
AuthorKshama Munshi
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1986
Total Pages254
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size11 MB
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