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________________ २०२ पट्टावली - समुचयः सं० ११६३ विमल मंत्रीसर हुआ आयु देहरा कराया सं० १२६३ वस्तुपाल तेजपाल हुआ आबुजात्राकरनै आबु उपर देहरा कराया, वीरधवलवाघेलारा कामदार हुआ पगे पगे निधानहुआ वरस ३६ नो आउखो हु सं० १५६६ दैजी मेडतो बसायो, आगे मानधातारो हुआ । सं. १५५ (१) जांग नवोनगर बसायो हलारमै सं० १७३५ ओरंगाबाद बसायो औरंगसा पातस्याह सं०. १७८३ सवाइ जेसंघ जैपुर बसायो सं० ७०छ (?) राजूवीरनारायण सिवांणो गढ करायो सं० ६०६ चित्रांगद सोरीयो चित्रोढ बसाइ Jain Education International 5 इति श्री गावोटरी वीगत संपुरणं सं० १८२२ गांव दीयावड नागोररी पटी कुपावतराज श्रीठाकुरसीवकरणजी लुखकरणोत केसरसंघोत केसरसंघ सब भए मोत सबलसंघ दलपतसंघोतरी सीवकरणजी दैकवरराचैनसंघजी कुबार कनजी, दुवार सेरसंघ कुवारप्रथीराज ( श्रीजैनश्वेताम्बरकान्फरन्सहेरल्ड पु० १४ ० ४, ५, ६, वीर 15 सं० • २४४४ सं. १६७४ ) For Private & Personal Use Only 10 www.jainelibrary.org
SR No.002624
Book TitlePattavali Samucchaya Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDarshanvijay, Gyanvijay
PublisherJinshasan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages274
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size11 MB
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