SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 18
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ णमोत्थुणं समयस्स भगवो पहावीरस्स ।। चउद्दस-पुत्र्वधारग-अन्तिमसुअकेवली-जुगप्पहाण सिरि-भद्दबाहु सामि विरइअस्स, सिरिकप्पसुत्तस्स । थेरावली (श्री कल्पमूत्र स्थविरावली) तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवो महावीरस्स नवगणा, इक्कारस गणहरा हुत्था ॥१॥ से केपट्टेणं भंते ! एवं वुञ्चइ-समणस्स भगवो महावीरस्स नव गणा. इक्कारस गणहरा हुत्था ? ॥२॥ समणस्स भगवो महावीरस्स जिट्टे इंदभूई अणगारे गोयन (गोयनस) गुत्तेणं पंच समणसयाई वाएइ, मज्झिमए अम्गिभूई अणगारे गोयमगुत्तेणं पचसमणसयाई वाएइ, कणीअसे अणगारे वाउभूई गोयमगुत्तेणं (नामेण) पंच समसयाई वाएइ, थेरे अजवियत्ते भारदाए गुत्तेणं पंच समसयाई वाएइ, थेरे अजसुहम्मे अग्गिवेसायणे गुत्तेणं पंच समसयाई वाएइ थेरे मंडितपुत्ते वासिटे गुत्तेणं अद्भुट्ठाई समसयाई वारइ. थेरे मोरिअपुत्ते कासवे गुत्तेणं अधुट्ठाईसमसयाईवाएइ, थेरे अकंपिए गोयमे (गोयमस) गुत्तेणं-थेरे अयलभाया हारिायणे गुत्तेणं--पत्तेयं एते दुरिणवि थेरा तिरिण तिरिण समसयाई वाएंति, थेरे अजमेइजे थेरेपभासे-एए दुरिणवि थेरा कोडिन्ना गुत्तेणं तिएिण तिएिण समसयाई बाएंति । से तेणटेणं अज्जो ! एवं वुच्चह-समणस्स भगवश्रो महावीरस्स नव गणा, इकारस गणहरा हुत्था ॥ ३॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002624
Book TitlePattavali Samucchaya Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDarshanvijay, Gyanvijay
PublisherJinshasan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages274
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy