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चिनिर्मितम् ]
( ८९ )
श्रीद्वादशाङ्गीपदप्रमाणकुलकम्
नायाम्महंगे अद्धच उत्थकोकिलाक लिए । पण लक्खा छावत्तरि सहस उवासगदसा अंगे ॥ ४ ॥ सत्तंमि लक्खिगारस सहस्स बावन्न अमे अंगे । अंतगडदसानामे लक्खा तेवीस चउसहस्सा ॥ ५ ॥ तहणुत्तरोबवाई नवमे अंगंमि लक्ख छायाला । अडसहसा अह दसमे पण्हावागरणनामंमि || ६ || बाणवई लक्खाई सोल सहस्सा तहा विवागए । इक्कारसमे अंगे पयप्पमाणं इमं वुच्छं ॥ ७ ॥ एगा कोडी चुलसीह लक्खा बत्तीस सहस्स इअ माणं । इकारस अंगाणं भणिअमहं बारसंगंमि ॥ ८ ॥ तं पुण दिट्ठीवाओ स पंचहा वण्णिओ अ समयंमि । परिकम्मसुत्तपुत्र्वगय - णुओग तह चूलिआओ अ ॥ ९ ॥ तत्थ य पुव्वगयंमि पढमे उप्पायनामए पुग्वे । कोडी एगा अह बीअ अग्गेणियंमि पुव्वंमि ॥ १० ॥ auraई लक्खाई तइए वीरि अपवायपुव्वंमि । पयलक्खाई सत्तार अहत्थिनत्थिष्पवामि ॥ ११ ॥ तुरिए पुव्वं सट्ठी लक्खा अह पंचमंमि पुव्वंमि । नाणपवायनामे इग कोडी एगपयहीणा ॥ १२ ॥
सच्चपवार पुव्वे इग कोडि छहि पहिं अहिआ । आयप्पवायव्वे सत्तमि पयकोडि छवीसा ॥ १३ ॥
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