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नेमिनाहचरिउ
[ ३३२३ _[३३२३]
तयणु पसरिय-गरुय-उच्छाहु सिरि-अंवाएवि-वर- वसिण दिट्ठ-असरिस-वसुंधरु । तक्कालु वि लटु सिरि- भीम-नेढ-आएसु सुंदरु ॥ अव्वुय-गिरि-रायह सिहरि निम्मल-फालिह-वन्नु । उसह-जिणेसर-चेइहरु कारावेइ रवन्नु ।
[३३२४]
तयणु हरि-करियण-संगयह सव्वंगिय-लक्खणहं निलउ संड-नामिण य तियसिण । निच्चं पि-हु विहिय-वहु- सन्निहाणु गुरु-भत्ति-तरसिण ॥ नच्चाविय निय-कित्ति-बहु भुवण-रंग-मज्मम्मि । उवजुजिय-मणि-कणय-धणु सयण-सुयण-कज्जम्मि ॥
[३३२५]
हुयउ नेढह तणउ धवलु त्ति सिरि-भीमएवंगरुह- कन्नएव-निवइहि महा-मइ । तस्सु वि जयसिंह-निव- रज्ज-समइ पसरंत-संपइ ॥ धणुहाविहिं पविइन्न-वरु कय-रेवंत-पसाउ । आणंदु त्ति जहत्थ-अभिहाणु सचिवु संजाउ ॥
[३३२६]
चंद-निम्मल-सील-कय-सोह निक्कारण-कारुणिय सु-गुणवंत पणमंत-वच्छल । पउमावइ-नाम तमु हुय दइय सद्धम्म-पच्चल ॥ अह सिद्धाहिव-कुमरनिव- सुकय-भरिण भज्जत । नं अवलोइवि सयल धर अमुहिय-जण-संजुत्त ॥
Verse ३३२४. is added marginally in क.; ३३२१. १. क. निरु is added marginally before alfa and fe after it is omitted,
३३२५, २, क. पसामओ.
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