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३२२१ ]
उवजीविर सरिय-सरअम्नाय सरूव- सिरि
कण्हवलपववणगमणु
[३२१८] कण्ह-मुसलि वि कंद -फल-मूल
अह तण्हा - छुह-पीडियउ
भाय न सक्कहुँ उक्खिविउ धुवु हउं पय- मेत्तं पि ॥
वावि कूव - पाणियपियंतय । हस्थिकप-नयरम्मि पत्तय ॥ कण्डु भइ - कह-पि ।
[३२१९]
तयणु केस
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मज्झम्मि उतसु पुरह कंदो य-घरि पवरु
अह अवयवइयरिण धयरद्वय - निवइ- सुरण । निविण महावल - नामगिण रोहिउ मुसलि खणेण ॥
मुवि उज्जाणि पविसिऊण अंगुलिय- रयणिण । भोपकारविउ मुसलिण ||
[३२२०]
तागविणु करिण करि - खंभु
विक्खो हिय पर - वलिण अह विग्गहु हु कु - वि उज्जाणह आविवि गहिवि
मुसलि सहि हरि रिउ - कुलह कुणइ दिसासु भम्वाडु ||
३२२०. २. क. विखोहिय. ३२२१. ९. क. सरीरं.
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सीह नाउ परिमुवकु मुसलिण । धुति चिंतेवि कहिण || एगु पओलि-कवाडु ।
[३२२१]
अत्थ-दसहं वि गयउ दिण- इंदु
किं कह - विखज्जोयगिहि अइ-वहुय तहा-वि हरि - तणु दुवे-विति पत्त- जस भुंजिfa fafe frefव जल
जिप्पइ त्ति जइ वि हु विवक्खिय । वलिहिं जमह अतिहित्ति दक्खिय ॥ गंतु सरोवर - तीरि । कु-वि दुहु समहिं सरीरि ॥
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