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________________ PROG55555555555555 (२१) पुफियाण३ सुके / (8) बहुपुत्तिया र 第五步虽555552 ICCs听听听听听乐听听听听听听听听听听听听听听听听乐乐明明乐乐明明明明明明明明明明明明明明明明明明明 एगे देवे अंतियं पाउब्भूए तं चेव भणइ जाव पडिगए तए णं से सोमिले कल्लं पाउप्पभायाए रयणीए जाव उत्तराभिमुहे संपत्थिए तए णं से सोमिले चउत्थिदिवसम्मि पच्चावरण्हकालसमयंसि जेणेव वडपायवे तेणेव उवागए वडपायवस्स अहे किढिण-संकाइयं ठवेइ ठवेत्ता वेदि वड्ढेइ उवलेवण संमज्जणं करेइ जाव कट्ठमुद्दाए मुहं बंधइ तुसिणीए संचिट्ठइ तए णं तस्स सोमिलस्स पुव्वर-त्तावरत्तकाले एगे देवे अंतियं पाउब्भूए तं चेव भणइ जाव पडिगए तए णं से सोमिले कल्ले पाउप्पभायाए रयणीए जाव उत्तराभिमुहे संपत्थिए तए णं से सोमिले पंचमदिवसम्मि पच्चावरण्हकालसमयसि जेणेव उंबरपायवे तेणेव उवागच्छइ उंबरपायवस्स अहे किढिणसंकाइयं ठवेइ जाव संचिट्ठइ तएणं तस्स सोमिलमाहणस्स पुव्वरत्तावरत्तकाले एगे देवे जाव एवं वयासी-हंभो सोमिला पव्वइया दुप्पव्वइयं ते तए णं से सोमिले तेणं देवेणं दोच्चंपि तच्चपि एवं वुत्ते समाणे तं देवं एवं वयासी-कहं णं देवाणुप्पिया मम दुप्पव्वइयं तए णं से देवे सोमिलं माहणं एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया तुमं पासस्स अरहओ पुरिसादाणीयस्स अंतियं पंचाणुव्वइए सत्तसिक्खावइए दुवालसविहे सावगधम्मे पडिवण्णे तए णं तव अण्णया कयाइं असाहुदंसणेणं पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि कुटुंबजागरियं जागरमाणस्स जाव पुव्वचितियं देवो उच्चारेइ जाव जेणेव असोगवरपायवे तेणेव उवागच्छसि उवागच्छित्ता किढिणसंकाइयं जाव तुसिणीए संचिट्टसि तए णं अहं पुव्वरत्तावरत्तकाले तव अंतियं पाउब्भवामि हंभो सोमिला पव्वइया दुप्पव्वइयं ते तह च्चेव देवो निरवयं भणइ जाव पंचमदिवसम्मि पच्चावरण्हकालसमयंसि जेणेव उंबरपायवे तेणेव उवागए किढिण-संकाइयं ठवेसि वेदि वड्ढेसि उवलेवण-संमज्जणं करेसि करेत्ता कट्ठमुद्दाए मुहं बंधेसि बंधेत्ता तुसिणीए संचिट्ठसि तं एवं खलु देवाणुप्पिया तव दुप्पव्वइयं तएणं से देवे सोमिलं एवं वयासि-जइणं तुम देवाणुप्पिया इयाणिं पुव्वपडिवण्णाइं पंच अनुव्वयाइं सयमेव उवसंपज्जित्ताणं विहरइतएणं सेसोमिले बहूहिं चउत्थ-छट्ठम जाव विचित्तेहिंतवोवहाणेहि अप्पाणं भावेमाणे बहूई वासाई समणोवासंगपरियागं पाउणइ पाउणित्ता अद्धमासियाए संलेहणाए अत्ताणं झूसेइ झूसेत्ता तीसं भत्ताई अणसणाए छेदेइ छेदेत्ता तस्स ठाणस्स अणालेझ्यपडिक्कंते विराहियसम्मत्ते कालमासे कालं किच्चा सुक्कविडंसए विमाणे उववायसभाए देवसयणिज्जंसि जाव ओगाहणाए सुक्कमहग्गहत्ताए उववण्णे तएणं से सुक्के महग्गहे अहुणोववण्णे समाणे जाव भासमणपज्जत्तीए पज्जत्तभावं गए एवं खलु गोयमा सुक्केणं महग्गेणं सा दिव्वा जाव अभिसमण्णागए एंगं पलिओवमं ठिई सुक्के णं भंते महंग्गहे ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं कहिंगच्छिहिइ गोयमा महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ जाव सव्वदुक्खाणमंतं काहिइ निक्खेवो ० तिबेमि।३। (२५)-★★★३ चउत्थं अज्झयणं-बहुपुत्तिया ★★★ (८) उक्खेवओ ० एवं खलु जंबू तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नामं नयरे गुणसिलए चेइए सेणिए राया सामी समोसढे परिसा निग्गया तेणं समएणं बहुपुत्तिया देवी सोहम्मे कप्पे बहुपुत्तिए विमाणे सभाए सुहम्माए बहुपुत्तियंसि सोहासणंसि चउहिं सामाणियसाहस्सीहिं चउहिं महत्तरियाहिं जहा सूरियाभे जाव भुंजमाणी विहरइ इमं च णं केवलकप्पं जंबुद्दीवे दीवं विउलेणं ओहिणा आभोएमाणी-आभोएमाणी पासइ पच्छा समणं भगवं महावीरं जहा सूरियाभो जाव नमंसित्ता सीहासणवरंसि पुरत्थाभिमुहा संनिसण्णा आभिओगा जहा सूरियाभस्स सूसरा घंटा आभिओगं देवं सद्दावेइ जाणविमाणं जोयणसहस्सावित्थिण्णं जाणविमाणवण्णओ जाव उत्तरिल्लेणं निजाणमग्गेणं जोयणसाहस्सिएहिं विग्गहेहिं तहा आगया जहा सूरियाभो धम्मकहा समत्ता तए णं सा बहुपुत्तिया देवी दाहिणं भुयं पसारेइ-देवकुमाराणं अट्ठसयं देवकुमारियाण य वामाओ भुयाओ तयाणंतरं च णं बहवे दारगा य दारियाओ य डिभए डिभियाओ य विउव्वइ नट्टविहिं जहा सूरियाभो उवदंसित्ता पडगिया भंते त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदइ नमसइ कूडागारसाला दिट्ठतो बहुपुत्तियाए णं भंते देवीए सा दिव्वा देविड्ढी पुच्छा जाव अभिसमण्णागया एवं खलु गोयमा तेणं कालेणं तेणं समएणं वाणारसी नामं नयरी अंबसालवणे चेइए तत्थ णं वाणारसीए नयरीए भद्दे नाम सत्थवाहे होत्था-उड्ढे जाव अपरिभूए तस्स णं भद्दस्स सुभद्दा नाम भारिया-सूमाला वंझा अवियाउरी जाणुकोप्परमाया यावि होत्था तए णं तीस सुभद्दाए सत्थवाहीए अन्नया कयाई पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि कुडुंबजागरियं जागरमाणीए ० संकप्पे समुप्पज्जित्था एवं खलु अहं भद्देणं सत्थवाहेणं सद्धिं विउलाई NORO5955555555555555555555555555555555555555555555FOSTORY KOLo##5 555555555555 श्री आगमगुणमजूषा - १२७४55555555555555 O OR
SR No.002601
Book TitleAgam Guna Manjusha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGunsagarsuri
PublisherJina Goyam Guna Sarvoday Trust Mumbai
Publication Year1999
Total Pages1868
LanguagePrakrit, Gujarati, Hindi, English
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size85 MB
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