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[ नियुक्तिसंग्रहः :: (१) आवश्यकनियुक्तिः
अहमवि खामेमी (मे) तुम्भेहि समं प्रहंच (पि) वंदामि । आयरियसंतियं नित्थारगा उ गुरुणो अ वयणाई ।। ४२ ।। देसिय राइय पक्खिय चउमासे य तहेव वरिसे य।
एएसु हुँति नियया उस्सग्गा अनिप्रया सेसा ॥४३ ॥ 5 साय सयं गोसऽद्धं तिन्नेव सया हवंति पवखंमि । पंच य चाउम्मासे असहस्सं च वारिसए ॥ ४४ ।। चत्तारि दो दुवालस वीस चत्ता य हुँति उज्जोआ। देसिय राइय पक्खिय चाउम्मासे अ वरिसे य ।। ४५ ॥
पणवीसमद्धतेरस सिलोग पन्नतरि च बोद्धव्वा।। 10 सयमेगं पणवीसं बे बावन्ना य वारिसिए ॥४६ ।।
गमणागमण विहारे सुत्ते वा सुमिणदंसणे राम्रो। नावानइसंतारे इरियावहियापडिषकमणं ।। १५४८ ।। नियमालयाप्रो गमण अन्नत्थ उ सुत्तपोरिसिनिमित्तं ।
होइ विहारो इत्थवि पणवोसं हंति ऊसासा ॥१॥ (प्र०) 15 उद्देससमुद्देसे सत्तावीसं अणुनवणियाए ।
अट्ठव य ऊसासा पट्ठवण पडिक्कमणमाई ॥१५४८ ।। जुज्जइ अकालपढियाइएसु दुठ्ठ अ पडिच्छियाईसु । समणुन्नसमुद्दे से काउस्सगस्स करणं तु ।। ४६ ।।
जं पुण उद्दिसमाणा अणइकंतावि कुणइ उस्सग्गं । 20 एस प्रकओवि दोसो परिधिप्पइ किं मुहा ? भंते ! ॥१५५०॥
पावुग्घाई कोरइ उस्सग्गो मंगलंति उद्देसो । अणुवहियमंगलाणं मा हुज्ज कहिंचि णे विग्धं ।। ५१॥
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