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[ नियुक्तिसंग्रहः :: (१) आवश्यक नियुक्ति।
पायरियनमुक्कारो धन्नाण भवक्खयं कुर्णताणं । हिअयं अणुम्मुअंतो विसुत्तियावारओ होइ ।।६७ ।। पायरियनमुक्कारो एवं खलु वणिो महत्थुत्ति ।
जो मरणंमि उवग्गे अभिक्खणं कीरए बहुसो ।। ९८ ॥ 5 आयरियनमुक्कारो सम्वपावप्पणासणो ।
मंगलाणं च सव्वेसि तइनं हवइ मंगलं ॥ ९९ ॥ नामं ठवणादविए भावंमि चउम्विहो उध्वज्झायो । दवे लोइअ सिप्पाइ निहगा वा इमे भावे ॥१००० ।।
बारसंगो जिणक्खाओ सज्झाओ देसि (कहि)ो बुहेहि । 10 तं उवासंति जम्हा उवज्झाया तेण वुच्चंति ॥ १।।
उत्ति उवीगकरणे ज्झात्ति प्र झारणस्स होइ निद्देसे । एएण हुँति उज्झा एसो प्रन्नोऽवि पज्जाओ ॥२॥ उत्ति उवओगकरणे वत्ति प्र पावपरिवज्जणे होइ।
झत्ति अ झाणस्स कए उत्ति अ ओसक्कणा कम्मे ।। ३ ।। 13 उवज्झायनमोक्कारो जीवं मोएइ भवसहस्साओ।
भावेण कीरभाणो होइ पुरण बोहिलाभाए ॥४ ।। उवज्झायनमुक्कारो धन्माण भवक्खयं कुणंताणं । हिमयं अणुम्मुअंतो विसुत्तियावारओ होइ ॥५॥
उवज्झायनमुक्कारो एवं खलु वण्णिअओ महत्थुत्ति । 20 जो मरणमि उवग्गे अभिक्खणं कीरए बहुसो ।। ६ ।।
उवज्झायनमुक्कारो सव्वपावप्पणासणो । मंगलाणं च सवेसि च उत्थं हवइ (होइ) मंगलं ॥ ७ ॥
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