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________________ २४३ ३२१ ५७ १५० २६५ इह लोगम्मि अकित्ती इह लोगम्मि वि कित्ती इह लोगम्मि वि दुक्खं इह लोगम्मि दुरते इह लोगे वि अणत्थं इह लोगे वि पसंसं इहलोयपारलोइय इह सुयणु संसओ ईसा कसायकलिओ ईसि हसिऊण कुमरो उक्खित्त-कोस-सिसु उग्घाडेह दुवारं उचिय समएण अम्मा उच्छलिया वि बहुसो उच्छंगाओ कक्खंतरेण उज्जमह मा विसीयह उज्जलजलविसओ उज्जाणे संपत्तो उज्झिय संसारपहे उड्ढं अहो तिरिच्छं २ उड्ढहो-तिरियतिलोग उड्ढाहतिरिदिसाणं उण्णयखंधोभोगी उण्णयनासो पुज्जो उण्णयपओहरिय उण्णयपीण पओहर ३ ३२७ उत्तमंगं सप्पएहिं १०० उत्तरहत्थे चित्तासु २७७ उत्तिण्णाओ तीरे ४० उत्तुंगवेणुलंबिय २५७ उद्धंसियद्धयखंभट्ठिय २६८ उप्पण्णे नाणवरे उप्पण्णो नहसेणो ८९ उप्पण्णो वि हु पुत्तो उप्पहपत्थियइंदिय २१२ उप्फिडइ पडइ धावइ उब्भडजोव्वणभर उब्भडपिसंडिमंडिय ३०५ उभय भवेसु वि इच्छइ २८० उम्मूलिऊण सीलालाणं उयरं भरेइ काओ वि उल्लावंतेण न कस्स होइ उल्लोयपलंबुज्जल 'उल्लो सुक्को य दो छुढा १ उवजजिऊण भयवं ४८ उवभोगपरिभोगाण २८४ उवभोगे परिभोगे २४८ उवरितणुओ हेट्ठा २७० उवयरियं न हु गणियं उवयारकए जो होइ उवयारेहिं परो च्चिय उवसमसंवरवसही ऊससइ ससइ वेवइ १६० एएण पुरिसवेसत्तणेण १३५ एकत्र क्रतवः सर्वे ३१२ एक्कं करेह पावं ३०५ एक्कं पियजणविरहो ४ एक्क पएसि कउक्ख २८४ एक्कारस अंगाई - १. आचा०नि० ३३२ । २.चउप० १२७ । ३०७ एक्कुए वालिय नहयलु २९४ एक्केक्कं होइ दुहा २४८ ८७ एक्केण वि केसरिणा १७८ एक्को च्चिय नवरि गणो १४१ एक्को च्चिय मह पुत्तो २०३ २७४ एगं खायइ मडयं ३०९ एग पियजणविरहो एगं महिला बीयं २२५ २३८ एगमणिट्ठा बीयं २८३ १०९ एगम्मि तरुवरे जह १एगविहं सम्मरुई १४६ १८६ एगविह दुविहतिविहं १०० एगागिस्स हि चित्ताई २८० एगागी चेव गओ १९० एगाण भक्ख-भोयण १ एगाण वित्थरिज्जइ ८० एगाण समाएसो १४५ एगे गइंदसयसंदण ९७ एगे चंदणमयणाहि २४८ एगेण मुणिवरेणं एगे नाणामणिखचिय ११४ एगे धणेण गरुया २६८ एगे पढ़ेसुयदेवदूस १९ एगे पठंति एगे गुणंति २० एगे पूरिति मणोरहाई २८२ एगेहि निसा निज्जइ ३३१ एत्तियमेत्तं भणिओ ३०५ १३५ एत्तो गुरुयणआणा २४ एत्थकिर सन्नि-सावय १४२ एत्यंतरम्मि एणामुही एत्थंतरम्मि कड्ढिय एत्थंतरम्मि सपणद्ध ३२३ एत्थंतरम्मि सहसा एत्थंतरि असमंज१. प्रव०नि०९४३ । २. प्रव० ९४२ । २८८ ४५ mr २७० २४३ ३२७ २७४ उत्तट्ठमयसिलिंबच्छि उत्तट्ठमिगनयण उत्तट्टहरिणनयणा उत्तत्तकणय-वन्ना 3 उत्तत्तजच्चकंचण mr ma २१४ १. संवे० पृ० ४०० । २. संवे० पृ० ५९१ ।। Jain Education International 2010_04 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002596
Book TitleManorama Kaha
Original Sutra AuthorVardhmansuri
AuthorRupendrakumar Pagariya
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1983
Total Pages402
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size11 MB
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