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________________ गाथा-सूची ९८ ३०८ Mr or अचिरुग्गए य सूरिए २८३ अच्चंतं तिक्खाणं अच्छउ ता किर अण्णो अच्छउ ता परलोगो अच्छउ ता फलकालो अच्छरगणाउलेसु २८२ अजियाइणो जिणिदे अज्जं चिय मह सहलो अज्जं वा कल्ले वा ३२७ २८४ ३२९ ३०१ २१२ १३२ २४५ ३०८ २७० १९८ २१४ अइ गरुयदप्पनिव्वर अइ गरुयरो गज्जतो अइ घट्ठमट्ठनिम्मल अइ दोहराई सुण्हे अइ दुट्ठ-धट्ठ-दप्पिट्ठ अइ दुल्लहो मणुयभवो अइ भग्गकसिणवट्ट अइ मसिणसुक्किलसुय अइयारसत्थजज्जरिय अइ लोभेण नासह अइ विरसं वीभच्छ अंगुट्ठपएसिणि अंगुट्ठमणुसरंती अंगुठुस्स य उवरि अंगुलदुगंतराले अंजणखंजण-कद्दम अंजणचुण्णनिरंतरं अंतो बहिं च दड्ढे अंतो विसस्स भरिया अंतो हसति बाहिं अंदोलिऊण सुइरं अंधारियदिसिवलओ अंबरतलाओ निवडत अकयपरलोयमग्गा अकव्वओ न सोहइ अकाले भयमावण्णा अक्खंडगंडमंडल अवखंडबंभचेरं अगणियपरियणलज्जं अगमकरणादगारं अघडमाण-ठिक्करसया २७१ अज्ज कयत्थं मह नयणं २७१ अज्ज पुण सिद्ध २७१ अज्जप्पभिई मज्झ अज्ज वि जस्स विरायइ अज्ज वि तुमं अगीओ अज्ज वि वड्ढइ धम्मो अज्जु पणट्ठउ सोगभरु अज्जु मणोरह तरु फलिउ अट्टालयबद्धधयं अट्ठमि चउद्दसीसुं १७४ अणसणकरणे काऊण ३३२ अणाइ निहणो थारो३३२ अणिमिसनयणसहस्सा ३३० अणियत्तिच्छो जीवो १९५ अणिरूविय परिणामा अणुकंपिज्जइ बालो अणुकूलवइ-विहिय अणुकूलविहिवसेणं अणुरत्तो रत्ताए ३२२ अणुराय तंतिबद्धा अणुरूव रयणायरं २२५ अणुरूवरूवसोहग्गअण्णं तं नूमिज्जइ अण्णं पाणं विजयं ९० अण्णं पि किंपि भणिमो ३१५ अण्णं भणंतिअण्णं ३१५ अण्णत्थगिरिनइ ३२२ अण्णत्थ सयं निवडिय ३०८ अण्णत्थ हरियकणियार २८७ अण्णम्मि दिणे गयणं अण्णम्मि दिणे जेट्ठो ९७ अण्णम्मि दिणे तुमए २८७ अण्णम्मि दिणे पभणइ २४८ अण्णम्मि दिणे पासाय२५९ अण्णम्मि दिणे पियसहि २५८ अण्णम्मि दिणे भणिओ ३०६ अण्णह कहमेवमहं २८१ अण्णह परिखेलिज्जइ २१४ अण्णह परिचितिज्जइ अण्णाओ वि समणीओ ३०६ २०० ११८ २६५ ०० २७० ३०५ अट्ठमि चंदायारं अट्ठाण कुविय-दुज्जण ३०७ अट्ठीउ सचित्ताई २८४ अछेण च तं न बंधइ ३२९ अडविवणसंडमंडण अणयो जणिय गुणो अणवरयधावतो अणवरय मज्जपाणा अणवरयं मुक्कवाहोह १. उत्त०नि० १३५ । २. संवे०४३४ । ३०६ ९५ १२१ १. बृ० क०२८३२ । २. संवे० पृ० ५९१ । ३. बृ० क० ३५२२ । १९९ २८३ १. संवे० पृ० ५९१ । Jain Education International 2010_04 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002596
Book TitleManorama Kaha
Original Sutra AuthorVardhmansuri
AuthorRupendrakumar Pagariya
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1983
Total Pages402
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size11 MB
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