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परिशिष्ट - ४
Appendices - 4
'- स्वर्गापवर्गगममार्गविमार्गणेष्ट ः
न ही अहँ णमो जल्लोसहि पत्ताणं।"
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भाषास्वभावपरिणामगुणैः प्रयोज्य ः।
भव भव वषट् सुधायै स्वाहा।
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नैं नमो जये विजये अपराजिते महालक्ष्मि सद्धर्मतत्त्वकथनैकपटुस्त्रिलोक्याः।
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ऋद्धि-ॐ ह्रीं अर्ह णमो जल्लोसहि पत्ताणं ।
मंत्र-ॐ नमो जये विजये अपराजिते महालक्ष्मि अमृतवर्षिणि अमृतं भव भव वषट् सुधायै स्वाहा ।
__ प्रभाव-चोरी, मारी, अकाल राजभय आदि नष्ट हो जाता है ।
Eradicating fear of State, pestilence and thefts.
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