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ભક્તામર દર્શન त्वा-मव्ययं विभु-मचिन्त्य-मसङ्ख्य-मायं ब्रह्माण-मीश्वर-मनन्त-मनङ्गकेतुम् योगीश्वरं विदितयोग-मनेक-मेकं ज्ञान-स्वरूप-ममलं प्रवदन्ति सन्तः
॥२४॥
Tvā mavyayam vibhu-macintya-masankhya-mādyam brahmāna-misvara-mananta-manangaketum | Yogisvaram viditayoga-maneka-mekam jhana-svarupa-mamalam pravadanti santah ||24||
ત્યા-મવ્યય વિભુ-મચિંત્ય-મસખ્ય-માદ્ય બ્રહ્માણ-મીશ્વર-મનન્ત-મનદ્રકેતુમ્ યોગીશ્વર વિદિતયોગ-મનેક-મેકં જ્ઞાન-સ્વરૂપ-મમલં પ્રવત્તિ સન્તઃ
૨૪ો.
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हे संतशिरोमणि! सत्पुरुष आपको “अव्यय" कहते हैं, क्योंकि आप स्वयं नाश पानेवाले नहीं हैं और भक्तजन भी आपको पाकर अविनश्वर बनते हैं । ज्ञान से सर्वव्यापक होने के कारण आप "विभु' हैं | बड़े से बड़े योगीजन भी आपके स्वरूप को चिंतन में प्रतिबिंबित नहीं कर सकते हैं, अतः आप “अचिंत्य" हैं । आपके गुणों की गिनती नहीं हो सकती है, अतः आप “असंख्य' हैं । पंच परमेष्ठियों में आप प्रथम हैं, अतः आप “आद्य” हैं। आप अनन्त आनंद से बृहद् हैं तथा आप ही शासन-प्रवर्तन द्वारा धर्म की सृष्टि के सर्जक हैं अतः आप "ब्रह्मा' हैं । सभी तरह के ऐश्वर्यों को आपने ही प्राप्त किया है, इस लिये आप "ईश्वर” हैं ।
आप से अनंतगुणों की प्राप्ति होती है तथा आप दूसरों को अनंतगुणों के स्वामी बनाते हैं अतः आप “अनंत' हैं । कामदेव अर्थात् वासनाओं का नाश करने में आप समर्थ हैं, अतः आप "अनंगकेतु” हैं । आप सभी योगसिद्ध आत्माओं से भी महान हैं, अतः आप "योगीश्वर" हैं । आप ही कर्म के अनादि संयोग को नाश करनेवाले होने से आप “विदितयोग” हैं।
आप अनेक आत्माओं के साथ सम्बन्ध रखनेवाले होने से “अनेक' हैं । आप आपमें ही स्थित होने की वजह से "एक" हैं । आप का और ज्ञान का अभेद होने से आप स्वयं ज्ञानस्वरूप हैं। आप ही अठारह दोष से रहित होने से विशुद्ध एवं अमल हैं।
स्वामी ! ५ अविनाशी, विभु, मयिन्त्य, असंज्य, माध, प्रहस्प३५, श्व२, अनन्त, અનંગતુ, યોગીશ્વર, યોગજ્ઞાતા, અનેક, એક, જ્ઞાનમય તથા નિર્મળ છો : આ પ્રમાણે અનેક નામે સંતપુરુષો આપને જ સ્તવે છે.
Oh my Lord!
Noble and serene saints and scholars pray you with their following words and attributes.
Your eternal power is not going to corrode for time immemorial and hence they call you "AVYAYA"( अव्यय).
cont...on page No.98 -: चित्र-गाथा-यंत्र सौजन्य:श्रीमती रोहिणीदेवी गुमानमलजी जैन परिवार-फीलखाना (हैद्राबाद)
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