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ऋषभ
(D) (D) 6)
अजित
सम्भव
अभिनन्दन
सुमति
पद्मप्रभ
()
पारीशष्ट ७
भरत क्षेत्र में वर्तमान, अतीत एवं भावी तीर्थंकरों के नाम
सिंह
गज
सुरदेवर सुपार्श्व३
स्वयंप्रभ
6:59.
वृषभ
लक्ष्मी
संख्या वर्तमान
अतीत
भविष्य १. ऋषभदेव
केवलज्ञानी
महापद्म अजितनाथ
निर्वाणी संभवनाथ
सागर ४. अभिनन्दन
महायश ५. सुमतिनाथ विमल
सर्वानुभूति५ पद्मप्रभ सर्वानुभूति
देवश्रुति सुपार्श्वनाथ श्रीधर
उदयनाथ६ चन्द्रप्रभ दत्त
पेढालपुत्र सुविधिनाथ दामोदर
पोट्टिल १०. शीतलनाथ
सुतेजा
शतकीर्ति श्रेयांसनाथ स्वामीनाथ
मुनिसुव्रत वासुपूज्य मुनिसुव्रत
सर्वभावविद १३. विमलनाथ
सुमति
अमम १४. अनन्तनाथ
शिवगति
निष्कषाय १५. धर्मनाथ
अस्तांग
निष्पुलाक शान्तिनाथ
नमोश्वर पुष्पमाला कुंथुनाथ अनिल
चित्रगुप्त १८. अरनाथ
यशोधर
समाधि १९. मल्लीनाथ
कृतार्थ
संवर २०. मुनिसुव्रत
जिनेश्वर
अनिवृत्ति २१. नमिनाथ
शुद्धमति
विजय २२. अरिष्टनेमि
शिवंकर
विमल २३. पार्श्वनाथ
स्यन्दननाथ
देवोपपात २४. महावीर
सम्प्रति
अनन्तविजय निम्न नौ पुण्यात्माओं ने भगवान महावीर के शासनकाल में तीर्थंकर-नाम-कर्म का उपार्जन किया। जिनके उस भव
के नाम क्रमशः इस प्रकार थे-१. राजा श्रेणिक, २. सुपार्श्व, ३. उदायी, ४. पोट्टिल अणगार, ५. दृढ़ायु, ६. शंख, सूर्य ७. शतक, ८. सुलसा, और ९. रेवती।
(स्थानांग, स्थान ९, अभयदेव वृत्ति) Illustrated Tirthankar Charitra
सचित्र तीर्थकर चरित्र
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निर्मम
के नामन न पश्यत्माकों में भगवान महावीप के शासनकाल में तीर्थकायनाम की इस उपार्जन किया। जिन
विमल
अनन्त
धर्म
शान्ति
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ག་གསར་ལོ་ས་ཁམས་མནར་བས་ཁ་གསལ་བས་ན་
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