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सुपार्श्व
चन्द्रप्रभ
सुविधि
शीतल
| श्रेयांस
वासुपूज्य
ध्वजा
७९. गरुड़
८९. शुक्र
। ९९. चमर ८०. नक्षत्रों का समूह ९०. राहु
१00. देवदुन्दुभि ८१. तारागण ९१. केतु
१०१. झारी ८२. राजभवन ९२. सिद्धार्थ-वृक्ष
१०२. कलश ८३. अंगारक ग्रह ९३. अशोक-वृक्ष
१०३. ध्वजा ८४. रवि ग्रह ९४. रत्न सिंहासन
१०४. छत्र ८५. चन्द्र ग्रह ९५. छत्रत्रय
१०५. स्वस्तिक ८६. मंगल ग्रह ९६. भामंडल
१०६. चमर ८७. बुध ग्रह ९७. दिव्यध्वनि
१०७. दर्पण ८८. गुरु ९८. पुष्पवृष्टि
१०८. पंखा (ताल व्यंजन) एक सौ आठ मुख्य लक्षण तथा मसूरिकादि ९00 व्यंजन अर्थात सामान्य लक्षण ये सब मिलकर तीर्थंकरों के एक हजार आठ शुभ लक्षण कहे गये हैं।
-अट्ठसहस्स लक्खणधरो (उत्तरा. २२/५)
कुम्भ
APPENDIX 4
पद्म सरोवर
BIRTH-MARKS ON THE BODY OF A TIRTHANKAR
समुद्र
(THE 1008 AUSPICIOUS MARKS)
विमान
भवन
west
1. Coconut tree 2. Conch-shell 3. Lotus 4. Swastika 5. Lancet (for elephant) 6. Arch 7. Whisks 8. White canopy 9. Throne 10. Flag 11. Pair of fishes 12. Two urns 13. Tortoise 14. Disc
15. Ocean 16. Pond 17. Space vehicle 18. Mansion 19. Elephant 20. Man 21. Woman 22. Lion 23. Arrow 24. Bow 25. Meru mountain 26. Indra (king of gods) 27. Divine damsel 28. Town
29. Gate 30. The moon 31. The sun 32. Horse of good breed 33. Fan 34. Flute 35. Vina (a musical
instrument) 36. Mridang (a type of
drum) 37. Garlands 38. Silk 39. Shop 40. A head-dress
राशि
निधूम
अग्नि
परिशिष्ट ४
( १८७ )
Appendix 4
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